N1Live National युवाशक्ति और नारीशक्ति ही देश की राजनीति को परिवारवाद और भ्रष्टाचार की बुराइयों से बाहर निकाल सकती है : पीएम मोदी
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युवाशक्ति और नारीशक्ति ही देश की राजनीति को परिवारवाद और भ्रष्टाचार की बुराइयों से बाहर निकाल सकती है : पीएम मोदी

Only youth power and women power can free the country's politics from the evils of nepotism and corruption: PM Modi

नई दिल्ली, 24 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर यहां मंगलवार को लालकिले पर आयोजित पराक्रम दिवस को संबोधित करते हुए कहा कि आज़ादी के बाद परिवारवाद, भाई-भतीजावाद जैसी बुराइयां भारत के लोकतंत्र पर हावी होती गईं। ये भी एक बड़ा कारण रहा, जिसकी वजह से भारत उस गति से विकास नहीं कर पाया, जिस गति से उसे करना चाहिए था।

उन्होंने युवाओं और महिलाओं का आह्वान करते हुए यह भी कहा कि देश की राजनीति को परिवारवाद और भ्रष्टाचार की बुराइयों से हमारी युवाशक्ति और नारीशक्ति ही बाहर निकाल सकती है। हमें राजनीति से भी इन बुराइयों को समाप्त करने का पराक्रम दिखाना होगा, इन्हें परास्त करना होगा। उन्होंने नेताजी सुभाष को देश की समर्थ अमृत पीढ़ी के लिए बड़ा रोल मॉडल बताते हुए कहा कि नेताजी का जीवन और उनका योगदान, युवा भारत के लिए एक प्रेरणा है। ये प्रेरणा हमारे साथ हमेशा रहे, कदम-कदम पर रहे इसके लिए बीते 10 वर्षों में हमने निरंतर प्रयास किया है। हमने कर्तव्य पथ पर नेताजी की प्रतिमा को उचित स्थान दिया है। हमारा मकसद है- कर्तव्य पथ पर आने वाले हर देशवासी को नेताजी का कर्तव्य के प्रति समर्पण याद रहे। आज भारत का युवा अपनी संस्कृति, अपने मूल्य और अपनी भारतीयता पर जिस प्रकार गौरव कर रहा है, वो अभूतपूर्व है।

नेताजी सुभाष की जन्म-जयंती पर पराक्रम दिवस की बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजाद हिंद फौज के क्रांतिवीरों के सामर्थ्य का साक्षी रहा ये लालकिला आज फिर नई ऊर्जा से जगमग है। अमृतकाल के शुरुआती वर्ष, पूरे देश में संकल्प से सिद्धि का उत्साह, ये पल वाकई अभूतपूर्व है। कल ही पूरा विश्‍व, भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक ऐतिहासिक पड़ाव का साक्षी बना है। भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की ऊर्जा को, उन भावनाओं को, पूरे विश्‍व ने, पूरी मानवता ने अनुभव किया है और आज हम नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जन्म-जयंती का उत्सव मना रहे हैं।

उन्‍होंने कहा, नेताजी ने भारत की आज़ादी के लिए अपने सपनों, अपनी आकांक्षाओं की तिलांजलि दे दी। वे चाहते तो अपने लिए एक अच्छा जीवन चुन सकते थे, लेकिन उन्होंने अपने सपनों को भारत के संकल्प के साथ जोड़ दिया। नेताजी जानते थे कि गुलामी सिर्फ शासन की ही नहीं होती, बल्कि विचार और व्यवहार की भी होती है। इसलिए उन्होंने विशेष रूप से तब की युवा पीढ़ी में इसको लेकर चेतना पैदा करने का प्रयास किया।

मोदी ने कहा, “हमारा लक्ष्य साल 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। हमारा लक्ष्य, भारत को आर्थिक रूप से समृद्ध, सांस्कृतिक रूप से सशक्त और सामरिक रूप से समर्थ बनाना है। आज का भारत, विश्‍व-मित्र के रूप में पूरी दुनिया को जोड़ने में जुटा है। आज हम दुनिया की चुनौतियों के समाधान देने के लिए आगे बढ़कर काम कर रहे हैं। एक तरफ हम दुनिया को युद्ध से शांति की तरफ ले जाने का प्रयास कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ अपने हितों की रक्षा के लिए भी पूरी तरह से तत्पर हैं।”

पराक्रम दिवस के अवसर पर लालकिले से ‘भारत पर्व 2024’ का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पराक्रम दिवस पर लालकिले से भारत पर्व का भी आरंभ हो रहा है। अगले 9 दिनों में भारत पर्व में गणतंत्र दिवस की झांकियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा देश की विविधता का प्रदर्शन किया जाएगा।

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