October 17, 2025
National

ऑपरेशन सिंदूर हमारी आत्मनिर्भरता का जीता-जागता प्रमाण हैः राजनाथ सिंह

Operation Sindoor is a living proof of our self-reliance: Rajnath Singh

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर अपने आप में, हमारी आत्मनिर्भरता का जीता-जागता प्रमाण है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, हमारी सेनाओं ने जिस शौर्य का प्रदर्शन किया, उसे पूरी दुनिया ने देखा। रक्षा क्षेत्र में आजादी के बाद से जो स्थितियां थीं, उनको हमने तोड़ा

रक्षा मंत्री ने कहा कि हमने इस बात पर जोर दिया कि भारत अपने सैनिकों के लिए हथियार खुद अपने देश में बनाएगा। बड़ी बात यह है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी सेनाओं ने भारत में बने उपकरणों का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में किया है।

राजनाथ सिंह गुरुवार को सिम्बायोसिस स्किल्स एंड प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। रक्षा मंत्री ने कहा कि अब हम सबका लक्ष्य है कि 2029 तक हम इस घरेलू रक्षा निर्माण को 3 लाख करोड़ रुपए तक ले जाएं और करीब 50,000 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात भी करें। यह अपने आप में बहुत बड़ा विजन है, लेकिन मुझे भरोसा है कि इस विजन को हम जरूर साकार करेंगे।

उन्होंने कहा कि जब हम स्किल की बात कर रहे हैं, तो उसके साथ-साथ, मैं यह भी मानता हूं कि हमारे पास स्किल के साथ ही संवेदनशीलता भी जरूरी है। कोई भी स्किल तभी सार्थक है, जब वो समाज के काम आए। अगर आपका कौशल सिर्फ अपने तक सीमित है, तो वह अधूरा है। आज जब हमारा देश रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, तो ऐसे संस्थान और ऐसे कोर्स, हमारे लिए बहुत जरूरी हो जाते हैं। हमें आज ऐसे युवाओं की जरूरत है, जो सिर्फ पढ़े-लिखे न हों, बल्कि स्वदेशी तकनीक को समझें, उसे बनाएं और आगे बढ़ाएं।

उन्होंने कहा कि एक स्किल मांइड कभी रुकता नहीं, वो हर परिस्थिति में रास्ता खोज लेता है। मुझे पूरा विश्वास है, कि आपका हर कदम किसी क्रिएशन की दिशा में उठेगा और अपने कौशल, अपने परिश्रम और अपने संकल्प से, आप इतिहास बनाएंगे। यह समय की जरूरत है कि आप इस महत्वाकांक्षा के साथ आगे बढ़ें। आज की दुनिया को ऐसे ऐसे युवाओं की जरूरत है, जो सिर्फ ये न कहें, कि बदलाव आना चाहिए बल्कि ये ठान लें कि हम ही बदलाव लेकर आएंगे।

रक्षा मंत्री ने कहा कि युवाओं का ज्ञान, उनकी समझ और उनका हुनर यही हमारे देश की असली ताकत है। आने वाले समय में हमारे युवाओं ही भारत की दिशा तय करेंगे। कोशिश कीजिए कि आप जहां भी जाएं, वहां कुछ अच्छा छोड़कर आएं, किसी के चेहरे पर मुस्कान लाएं, किसी की मदद करें, या फिर किसी को नई उम्मीद दें। यही हम सबके जीवन की असली उपलब्धि है।

उन्होंने कहा कि जिंदगी में कई बार हालात ऐसे आते हैं कि विश्वास डगमगा जाता है, हिम्मत कमजोर पड़ती है। लेकिन याद रखिए हम अपने हालातों से नहीं, अपने निर्णयों से तय करते हैं, कि हम क्या करेंगे और क्या बनेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि चीजें हमारे लिए बहुत प्रतिकूल थीं। लेकिन हमने हार नहीं मानी। हमने रक्षा निर्माण को बढ़ाने के लिए हर सम्भव प्रयास किया। और हमारे प्रयासों का सकारात्मक परिणाम मिलना हमें शुरू हुआ।

उन्होंने कहा कि वास्तविक शिक्षा वह होती है, जो दूसरों के जीवन में रोशनी लाए। किताबों में लिखा ज्ञान तब तक अधूरा है, जब तक वो किसी काम में नहीं आता। इसलिए आज की शिक्षा का असली उद्देश्य यह होना चाहिए कि जो सीखा है, उसे जीवन में लागू कैसे करना है।

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