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विपक्ष आतंकवाद, नक्सलवाद के विरोध में कुछ नहीं बोलता : आचार्य प्रमोद कृष्णम

Opposition does not say anything against terrorism, Naxalism: Acharya Pramod Krishnam

गाजियाबाद, 8 अगस्त । विपक्ष के कई नेताओं का कहना है कि भारत के हालात भी बांग्लादेश के जैसे हो रहे हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उन बयानों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान का विपक्ष भारत के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि अगर भारत के हालात बांग्लादेश जैसे हो रहे हैं तो इसका जिम्मेदार कौन है ? विपक्ष को यह भी बताना चाहिए कि ये हालात पैदा कर कौन रहा है ? कांग्रेस पार्टी समेत पूरे विपक्ष को यह बताना चाहिए। पूरी दुनिया अराजकतावाद, आतंकवाद और नक्सलवाद और माओवाद के खिलाफ है। वहीं भारत में विपक्ष के नेता इस पर एक शब्द बोलने को तैयार नहीं हैं।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा कि विपक्ष का कोई नेता बोलने को तैयार नहीं है कि बांग्लादेश में हिंदुओं को मारा जा रहा है। कहां गया आपका सेक्युलरिज्म ? कहां गया आपका लिबरलिज्म ? आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नफरत करिए, लेकिन हिंदुओं से नफरत क्यों करते हैं ? देश से नफरत क्यों करते हैं ?

उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष पाकिस्तान के एजेंट की तरह बात करता है। उन्हें शर्म आनी चाहिए। पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर आज तक विपक्ष में बड़े-बड़े काबिल नेता हुए हैं। बड़े देशभक्त नेता भी रहे हैं, लेकिन अफसोस कि वर्तमान का जो विपक्ष है, ये नरेंद्र मोदी का विपक्ष नहीं है। ये भारत के खिलाफ है।

बता दें कि कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने बुधवार को कहा कि ”भारत में लोगों के मन में चुनावों की निष्पक्षता को लेकर शक पैदा होने लगा है, इसलिए हमें पड़ोसी देश से सीख लेते हुए सावधान रहने की जरूरत है।”

वहां की परिस्थिति और हमारी परिस्थिति में काफी तुलना की जा सकती है। उनके लोकतंत्र में कमियां महसूस होने लगीं। जो उनके चुनाव हुए – पहले और इस बार भी – तो विपक्ष की पार्टियों ने भाग ही नहीं लिया, क्योंकि उनको लगा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव नहीं होंगे।”

गौरतलब है कि हिंसा और अराजकता के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर बांग्लादेश छोड़ दिया। उनके बांग्लादेश छोड़ने के बाद सेना ने देश की कमान संभाल ली है, लेकिन हालात काबू में नहीं हैं। हिंदुओं के ऊपर हमले किए जा रहे हैं। उनके घरों, दुकानों और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। बांग्लादेश में करीब 8 फीसदी हिंदू हैं।

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