नई दिल्ली, 8 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और सीपीआई (एम) के वरिष्ठ नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वे एक राजनीतिक दिग्गज थे, जिन्होंने राज्य की प्रतिबद्धता के साथ सेवा की।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन से दुखी हूं। वे एक राजनीतिक दिग्गज थे जिन्होंने राज्य की प्रतिबद्धता के साथ सेवा की। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। ओम शांति।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन दुख जताते हुए लिखा, ”यह सुनकर बहुत दुख हुआ कि पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का स्वर्गवास हो गया है। मैं उनके परिवार और समर्थकों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और प्रभु श्री राम से प्रार्थना करता हूं कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें तथा उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।”
तृणमूल कांग्रेस सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने भी बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर दुख जताया। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, ”पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिवार, प्रियजनों और प्रशंसकों के साथ हैं।”
बुद्धदेव भट्टाचार्य का गुरुवार को 80 साल की आयु में निधन हो गया। उन्होंने अपने आवास पर अंतिम सांस ली। डॉक्टरों के मुताबिक, वे पिछले लंबे समय से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी और वृद्धावस्था संबंधित बीमारियों से जूझ रहे थे।
हालांकि, बीते दिनों उनके स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिल रहा था, लेकिन अचानक उनके निधन ने उनके चाहने वालों को झकझोर कर रख दिया है। वे कोलकाता में ही अपने परिवार के साथ रह रहे थे।
स्वास्थ्य संबंधित बीमारियों की वजह से वे लंबे से सार्वजनिक जीवन से दूर थे। उन्होंने 2015 में ही सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति के पद से इस्तीफा दे दिया था और 2018 में केंद्रीय सचिवालय से जुड़ गए। वे काफी लंबे समय तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज रहे।
उनका जन्म 1944 में उत्तरी कोलकाता में हुआ था। उन्होंने बंगाल के प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी कॉलेज से ही बंगाली साहित्य की पढ़ाई की थी। इसके बाद, वे सीपीआई(एम) से जुड़ गए। इसी दौरान, वे डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन के सचिव भी रहे।