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मंडी अटल विद्यालय को पीपीपी मोड में चलाने के सरकार के कदम का विरोध

Opposition to the government's move to run Mandi Atal Vidyalaya in PPP mode

मंडी, 17 जुलाई मंडी जिले के धर्मपुर उपमंडल के मढ़ी में अटल आदर्श विद्यालय को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में चलाने के राज्य सरकार के कदम का व्यापक विरोध हो रहा है।

रुचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित राज्य सरकार ने ऊना और मंडी जिलों में अटल आदर्श विद्यालयों को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत चलाने के लिए रुचि पत्र आमंत्रित करते हुए नोटिस जारी किया है। इस कदम की विभिन्न वर्गों से आलोचना हुई है, जिसमें मांग की गई है कि स्कूलों को सरकारी नियंत्रण में ही रहना चाहिए भाजपा मंडी के मढ़ी स्थित अटल आदर्श विद्यालय के निजीकरण के राज्य सरकार के फैसले का भी विरोध कर रही है।

सरकार ने ऊना और मंडी जिलों में इन स्कूलों को पीपीपी मोड में चलाने के लिए रुचि पत्र आमंत्रित करते हुए एक नोटिस जारी किया है। इस कदम की स्थानीय संगठनों सहित विभिन्न हलकों से आलोचना हुई है, जो मांग करते हैं कि स्कूलों को सरकारी नियंत्रण में ही रहना चाहिए।

पूर्व जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार का कदम स्वीकार्य नहीं है और उसे स्कूल को अपने नियंत्रण में चलाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि 50 करोड़ की लागत से निर्मित तथा पीपीपी मोड में संचालित होने वाले इस स्कूल की नीलामी 24 जुलाई को शिमला में होनी है। उन्होंने दुख व्यक्त किया कि अटल आदर्श विद्यालय भवन के निर्माण के लिए पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मढ़ी में पढ़ने वाले स्थानीय बच्चों को विस्थापित कर दिया गया था, जिससे उन्हें किराए के मकान में रहना पड़ रहा है। पुराने स्कूल भवन को विभाग की मंजूरी के बिना जबरन बंद कर दिया गया तथा निर्माण के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई।

उन्होंने कहा, “राज्य सरकार और धरमपुर विधायक ने 50-50 करोड़ रुपये की लागत से बने इस आवासीय विद्यालय को बेचने का फैसला करके चिंताएं बढ़ा दी हैं। इसका सीधा असर गरीब परिवारों के बच्चों के भविष्य पर पड़ेगा।”

भाजपा मंडी के मढ़ी स्थित अटल आदर्श विद्यालय के निजीकरण के राज्य सरकार के फैसले का भी विरोध कर रही है। कल धर्मपुर में भाजपा के धर्मपुर मंडल अध्यक्ष लेखराज के नेतृत्व में एक बैठक हुई, जिसमें प्रदेश भाजपा के मीडिया समन्वयक रजत ठाकुर के साथ मंडी जिला परिषद सदस्य वंदना गुलेरिया और जगदीश चंद बिट्टा ने सरकार के इस कदम के खिलाफ नाराजगी जताई।

स्थानीय भाजपा नेताओं ने एक ज्ञापन के माध्यम से धरमपुर के जिला मजिस्ट्रेट को याचिका दी है, जिसमें सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और इन स्कूलों को सरकारी प्रशासन के तहत संचालित करने का आग्रह किया गया है। ज्ञापन में इस बात पर जोर दिया गया है कि इन स्कूलों की स्थापना पिछली सरकारों ने पर्याप्त सार्वजनिक धन से की थी, जिसका उद्देश्य स्थानीय बच्चों और समुदायों की शैक्षिक आकांक्षाओं को पूरा करना था। निजीकरण इन उम्मीदों को तोड़ देगा और छात्रों और स्थानीय आबादी दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।

बैठक में उपस्थित भाजपा मंडल सचिव सुरेन्द्र ठाकुर और अन्य स्थानीय निवासियों ने समुदाय के कड़े विरोध को दोहराया तथा धमकी दी कि यदि सरकार अपनी योजना पर आगे बढ़ी तो नागरिक अशांति फैल जाएगी।

प्रारंभिक शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह पहली बार है कि राज्य सरकार राज्य में अटल आदर्श विद्यालयों को पीपीपी मोड पर चलाने का प्रयास कर रही है।

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