हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आज मुख्य सचिव को शिमला जिले के चमियाना में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की सर्वोत्तम उपयोगिता और कार्यप्रणाली के लिए सभी हितधारकों की बैठक बुलाने के निर्देश दिए।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने यह आदेश पारित करते हुए कहा, “हमारा विचार है कि शिमला जिले के चमियाना स्थित अस्पताल की उपयोगिता और कार्यप्रणाली का प्रश्न किसी एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के विवेक और विवेक पर नहीं छोड़ा जा सकता। चमियाना स्थित अस्पताल का सर्वोत्तम उपयोग कैसे किया जा सकता है, यह निर्णय लेने में सभी हितधारकों को शामिल किया जाना आवश्यक है।”
न्यायालय ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे महाधिवक्ता या उनके द्वारा नामित व्यक्ति, आईजीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक, आईजीएमसी शिमला के प्रधानाचार्य, सभी विभागों के प्रमुख, सुपर स्पेशियलिटी, डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि, पैरा मेडिकल स्टाफ और सुरक्षा के प्रतिनिधि, पुलिस महानिदेशक, एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक, सचिव और प्रमुख अभियंता (पीडब्ल्यूडी), सचिव (स्वास्थ्य) और सचिव राजस्व तथा वरिष्ठ अधिवक्ता बिमल गुप्ता, नागरिक समाज और गैर सरकारी संगठनों के सदस्यों को शामिल करते हुए सभी हितधारकों की बैठक बुलाएं।
इसके अलावा मुख्य सचिव को 11 नवंबर को बैठक बुलाने और 13 नवंबर को बैठक का विवरण अदालत के समक्ष रखने का निर्देश दिया।
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