दिल्ली सचिवालय में शुक्रवार को 1984 के सिख दंगों से प्रभावित 36 परिवारों के परिजनों को दिल्ली सरकार की ओर से अपॉइंटमेंट लेटर दिए गए।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 1984 के दंगों से प्रभावित परिवारों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम किया है। कई नियम-कानूनों को आसान बनाकर सरकार ने इन परिवारों का दर्द कम किया है और हर प्रभावित परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी है। वर्षों से ये सिख परिवार उम्मीद लेकर पिछली सरकारों के पास गए, मुश्किलों का सामना किया, अपनी तकलीफें बताईं, कोर्ट में पेश हुए और छोटी-छोटी अपीलें कीं, लेकिन उनकी चिंताओं पर ठीक से ध्यान नहीं दिया गया। मैं अपने मंत्रियों का भी शुक्रिया अदा करती हूं, जिन्होंने इस काम को करने के लिए लगातार कोशिशें कीं और आज इन परिवारों को नौकरी दिलाने में कामयाबी हासिल की है।
1984 के सिख दंगों से प्रभावित पीड़ितों के एक परिवार के सदस्य ने कहा कि मेरे परिवार में, मेरे पिता और मेरी दादी दोनों को घर में जलाकर मार दिया गया था। मैं उस समय बहुत छोटा था, मेरी बड़ी बहन के साथ। ऐसा ही हुआ, मेरे पिता और दादी दोनों को हमारे घर में जिंदा जला दिया गया। इतनी लड़ाई लड़ने के बाद, हम शुक्रगुजार हैं कि आखिर में हमें कुछ मिला, हम खुश हैं।
एक अन्य ने कहा कि मैं 2 साल की थी जब मेरे पिता एक हमले में मारे गए थे। उनके साथ, उनके बड़े भाई, उनकी पत्नी और उनके बेटे, कुल चार सदस्य शहीद हो गए थे। यह एक नरसंहार था। 41 साल हो गए हैं, और हमें न्याय नहीं मिला है। भाजपा की सरकार ने हमें न्याय दिया है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि दिल्ली सचिवालय में 1984 के सिख दंगों से प्रभावित 36 परिवारों के परिजनों को एमटीएस के नियुक्ति पत्र सौंपे गए। यह केवल नौकरी देने का कार्यक्रम नहीं था, बल्कि उन परिवारों के लंबे इंतज़ार और संघर्ष को सम्मान देने की एक ठोस पहल है। 1984 सिख दंगा हमारे इतिहास का एक अत्यंत दर्दनाक अध्याय है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पीड़ित परिवारों को न्याय और सम्मान दिलाने के निरंतर प्रयास किए गए हैं। उसी सोच को आगे बढ़ाते हुए हमारी सरकार प्रभावित परिवारों को सम्मानजनक आजीविका और सुरक्षित भविष्य देने के लिए ठोस कदम उठा रही है। श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर लाल किले पर आयोजित समागम हमारे लिए सेवा और कर्तव्य का अवसर था। आज उसी सेवा के लिए परिवारों से मिला स्नेह और सम्मान मेरे लिए अत्यंत भावुक क्षण रहा। कुछ महीने पहले 19 परिवारों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे और आज 36 और परिवारों को नौकरी प्रदान की गई है।
रेखा गुप्ता ने आगे कहा कि ये नियुक्तियां इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार उनके साथ खड़ी है और उन्हें सम्मान के साथ आगे बढ़ने का हर अवसर उपलब्ध करा रही है। यह मदद नहीं, जिम्मेदारी है। यह औपचारिकता नहीं, सम्मान है और यह अतीत को याद रखते हुए भविष्य को सुरक्षित करने का एक सच्चा प्रयास है।


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