नई दिल्ली, 3 अगस्त । कांग्रेस सांसद मल्लू रवि ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी किसान हितैषी है, जबकि मोदी सरकार किसान विरोधी है। उनकी ये प्रतिक्रिया केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक बयान के जवाब में आई।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को सदन में कहा कि कांग्रेस के डीएनए में ही किसान विरोध है। इस पर कांग्रेस नेता ने कहा कि “मोदी सरकार किसान विरोधी है, इसलिए संसद में कृषि से जुड़े तीन काले कानून लाए थे। किसानों के भारी विरोध के बाद उनको ये कानून वापस लेना पड़ा और किसानों से क्षमा भी मांगना पड़ा। जबकि कांग्रेस इस देश में हरित क्रांति और श्वेत क्रांति लाई। जब देश आजाद हुआ था, तो यहां पर खाने की कमी थी, लेकिन अब हम अनाज का निर्यात करने की स्थिति में हैं। ये सब कांग्रेस सरकार की वजह से हुआ।”
दरअसल, इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि कांग्रेस के डीएनए में ही किसान विरोध है। आज से नहीं, प्रारंभ से ही कांग्रेस की प्राथमिकताएं गलत रही हैं।
उन्होंने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का मैं बहुत आदर करता हूं। लेकिन, खेती के बारे में उन्होंने भारतीय परंपरा का निर्वहन नहीं किया। वे रूस गए और भारत आकर कहा कि रूस का मॉडल फॉलो करो, तब चौधरी चरण सिंह ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि भारत की परिस्थितियां अलग हैं। पंडित नेहरू ने वर्षों तक प्रधानमंत्री पद को सुशोभित किया। लेकिन, भारत को अमेरिका से आया हुआ सड़ा लाल गेहूं खाने पर विवश होना पड़ा।
पूर्व की कांग्रेस सरकार को घेरते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि स्वर्गीय इंदिरा जी के समय जबरदस्ती लेवी वसूली का काम होता था। भारत आत्मनिर्भर नहीं हुआ। स्वर्गीय राजीव जी ने भी एग्रीकल्चर प्राइस पॉलिसी की बात जरूर की, लेकिन किसानों की आय बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। उदारीकरण प्रारंभ हुआ, स्वर्गीय नरसिंह राव प्रधानमंत्री थे, मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे, लेकिन कृषि से जुड़े उद्योगों को डी-लाइसेंसिंग नहीं किया गया। 2जी, 3जी, 4जी के घोटाले के रूप में भारत जाना गया। इस बीच जिसने सारे देश को आशा और विश्वास से भर दिया, उनका नाम था नरेंद्र मोदी। मोदी जी के नेतृत्व में प्राथमिकताएं बदलने का काम हुआ।”