October 13, 2024
Punjab

अस्पताल से बाहर आकर पंजाब के सीएम मान ने धान खरीद उपायों की समीक्षा की

आज अस्पताल से छुट्टी मिलने के तुरंत बाद एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार को 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले खरीद सीजन के दौरान 185 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) धान की खरीद की उम्मीद है।

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने विभिन्न वित्तीय मुद्दों से संबंधित महत्वपूर्ण फाइलों को भी मंजूरी दी। धान खरीद की समीक्षा बैठक में खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वीके सिंह, मुख्य सचिव अनुराग वर्मा और प्रधान सचिव (खाद्य एवं आपूर्ति) विकास गर्ग भी मौजूद थे।

इस सीजन में राज्य में करीब 32 लाख हेक्टेयर में धान की खेती हो रही है। भारतीय रिजर्व बैंक ने खरीफ विपणन सीजन (केएमएस) 2024-25 के लिए 41,378 करोड़ रुपये की नकद ऋण सीमा की अनुमति दी है।

धान की सुचारू खरीद सुनिश्चित करने के लिए डिप्टी कमिश्नरों को रोजाना 7-8 मंडियों का दौरा करने को कहा गया है। उन्हें नियमित निगरानी के लिए दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। केंद्र ने इस सीजन में ग्रेड “ए” धान के लिए 2,320 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय किया है।

मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने हाल ही में केंद्र से धान भंडारण के लिए तत्काल जगह उपलब्ध कराने को कहा था। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर किसानों को उनकी उपज की खरीद में दिक्कत आती है तो राज्य में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है।

वर्मा ने अपने पत्र में कहा था कि आम तौर पर एफसीआई को 31 मार्च तक चावल मिल जाता है। डिलीवरी की अवधि 30 सितंबर, 2024 तक बढ़ा दी गई थी। इसके कारण मिल मालिकों ने धान को उठाने और भंडारण करने में अनिच्छा दिखाई, जो खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के दौरान मंडियों में पहुंचना था।

सरकार ने पंजाब से कम से कम 20 लाख मीट्रिक टन चावल/गेहूं को कवर्ड स्टोरेज से बाहर स्थानांतरित करने की तत्काल आवश्यकता पर भी जोर दिया। 1 से 22 सितंबर, 2024 तक केवल 6 लाख मीट्रिक टन चावल/गेहूं को कवर्ड स्टोरेज से राज्य से बाहर स्थानांतरित किया गया।

पंजाब राइस इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण बिंटा ने सरकार के रुख पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने कहा है कि केंद्र 1 दिसंबर तक पंजाब में 30 लाख मीट्रिक टन चावल के लिए जगह की व्यवस्था कर देगा, लेकिन एफसीए द्वारा आज जारी अक्टूबर के चावल की आवाजाही के कार्यक्रम के अनुसार, पंजाब से दूसरे राज्यों में केवल 196 विशेष ट्रेनें ही भेजी जाएंगी। ये लगभग 4.5 लाख मीट्रिक टन चावल ले जा सकती हैं। इससे साफ पता चलता है कि केंद्र की कथनी और करनी में अंतर है।

उल्लेखनीय है कि 2023-24 के लिए चावल की डिलीवरी 15 जनवरी के बाद शुरू हुई थी। उस समय राज्य के गोदामों में 50 लाख मीट्रिक टन से अधिक चावल रखने की जगह उपलब्ध थी। लेकिन जगह की कमी के कारण मिलर्स को 2023-24 के लिए मिलिंग पूरी करने में 12 महीने लग गए, जिससे मिलर्स को करोड़ों का नुकसान हुआ। इस बार मिलर्स बुरी तरह डरे हुए हैं।

 

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