September 12, 2025
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भारत-फ्रांस के बीच 17वीं जेडब्ल्यूजी मीटिंग में पहलगाम हमले की निंदा की गई

Pahalgam attack condemned in 17th JWG meeting between India-France

 

नई दिल्ली, भारत और फ्रांस के बीच आतंकवाद-निरोध पर संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की 17वीं बैठक हुई है। गुरुवार को पेरिस में आयोजित बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (आतंकवाद-निरोध) केडी देवल ने किया, जबकि फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व फ्रांस के आतंकवाद-निरोध राजदूत ओलिवर कैरन ने किया। इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को जानकारी दी।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और फ्रांस के प्रतिनिधिमंडल ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए नृशंस आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। बैठक में दोनों पक्षों ने संबंधित देशों में वर्तमान खतरे के आकलन पर विचार-विमर्श किया, जिसमें राज्य प्रायोजित सीमापार आतंकवाद, संबंधित क्षेत्रों में आतंकवादियों की गतिविधियां और मध्य पूर्व में आतंकवादी खतरे शामिल हैं।

दोनों पक्षों ने आतंकवाद से निपटने की चुनौतियों, विशेष रूप से चरमपंथ, कट्टरपंथ और आतंकवादियों की ओर से नई तकनीकों के उपयोग से उत्पन्न खतरों पर भी चर्चा की। द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग पर जोर देते हुए प्रशिक्षण और अभ्यास के माध्यम से क्षमता निर्माण को मजबूत करने पर विचार हुआ। संयुक्त राष्ट्र, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (एनएमएफटी) में सहयोग पर भी बातचीत हुई।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने संगठित अपराधों को शामिल करने के लिए भारत-फ्रांस संयुक्त कार्य समूह वार्ता के दायरे को व्यापक बनाने, एक केंद्रित द्विपक्षीय प्रयास के रूप में ऑनलाइन दुष्प्रचार का मुकाबला करने, साइबर-संबंधी खतरों सहित पारस्परिक चिंता और हित के मामलों पर सूचनाओं का आदान-प्रदान व अनुभव साझा करने पर भी चर्चा की।

विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि दोनों पक्ष पारस्परिक रूप से आपसी सुविधानुसार तारीख पर भारत में संयुक्त कार्य समूह की 18वीं बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए।

इससे पहले, 6 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच फोन पर बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में हाल के प्रयासों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। साथ ही, उन्होंने इस मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान और पूरे क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता की शीघ्र बहाली के लिए भारत के निरंतर समर्थन को दोहराया।

 

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