चंडीगढ़/नई दिल्ली, 10 दिसंबर
भारत सरकार के “लगातार” अनुरोधों के बावजूद पाकिस्तान सरकार करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन के लिए प्रत्येक तीर्थयात्री से 20 डॉलर का शुल्क वसूल रही है।
यह बात विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने शुक्रवार को चल रहे लोकसभा सत्र के दौरान कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी द्वारा उठाए गए एक सवाल के जवाब में कही है। सांसद तिवारी का सवाल करतारपुर साहिब कॉरिडोर के माध्यम से गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों के संदर्भ में था। 24 अक्टूबर, 2019 को दोनों सरकारों के बीच एक समझौते के बाद गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती पर गलियारे का संचालन किया गया था। 9 नवंबर, 2019 को इसके उद्घाटन के बाद से, गलियारे के माध्यम से अब तक 2.30 लाख से अधिक तीर्थयात्री गुरुद्वारे के दर्शन कर चुके हैं। सभी दिन खुला रहता है।
मुरलीधरन ने कहा कि यह समझौता तीर्थयात्रियों के साथ-साथ भारत के विदेशी नागरिक कार्डधारकों को पूरे साल दैनिक आधार पर गुरुद्वारा दरबार साहिब तक वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा प्रदान करता है।
मंत्री ने कहा कि भारत सरकार पाकिस्तान से वहां आने वाले सभी आवेदकों से केवल वीजा शुल्क लेती है।
तिवारी ने कहा, ”मैंने पूछा था कि सरकार हमारे आगंतुकों पर वित्तीय बोझ कम करने के लिए क्या कर रही है। या तो, उन्हें यात्रा शुल्क माफ़ कराने के लिए नई ऊर्जा के साथ पाकिस्तान सरकार से संपर्क करना होगा, या भारत सरकार को पूरे शुल्क का बोझ उठाना चाहिए।
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