March 14, 2025
National

पाकिस्तान अब खुद आतंक का शिकार, पीओके के लोग भारत से जुड़ना चाहते हैं : पूर्व डीजीपी एसपी वैद

Pakistan is now a victim of terrorism itself, people of PoK want to join India: Former DGP SP Vaid

जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने बुधवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने पाकिस्तान में हुए ट्रेन हाईजैक, पीओके को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान और जम्मू-कश्मीर में गृह मंत्रालय द्वारा संगठनों पर लगाए गए प्रतिबंधों पर बेबाकी से राय रखी।

एसपी वैद ने पाकिस्तान में हुए ट्रेन हाईजैक पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान अब उन्हीं आतंकवादियों के कृत्यों का शिकार हो रहा है, जिनको उसने भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए पोषित और प्रायोजित किया था। पिछले 35 वर्षों में पाकिस्तान ने भारत में आतंकवाद को बढ़ावा दिया है। उन्होंने आईसी-814 विमान हाईजैक की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यह पाकिस्तान के डीप स्टेट द्वारा आयोजित था। जिन आतंकवादियों को पाकिस्तान ने पाल-पोसकर भारत में भेजा था, वही अब पाकिस्तान के खिलाफ हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान में स्वतंत्रता की मांग वर्षों से उठ रही है, और वहां के लोग बिना किसी जवाबदेही के गायब हो रहे हैं, जिससे जनसामान्य में काफी बेचैनी पैदा हो रही है। हाल ही में मौलाना फजलुर रहमान ने पाकिस्तान में एक कार्यक्रम में कहा था कि बलूचिस्तान के कुछ जिलों में पाकिस्तानी सेना का कोई नियंत्रण नहीं है, और बलूच विद्रोही इन क्षेत्रों में हावी हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे स्वतंत्रता की घोषणा करते हैं तो संयुक्त राष्ट्र इसे मान्यता दे सकता है। इसी तरह की स्थिति खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में भी है, जहां तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का नियंत्रण बढ़ चुका है।

पूर्व डीजीपी ने कहा कि पाकिस्तान अपनी आंतरिक समस्याओं का समाधान करे। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के बढ़ने का अब कोई खतरा नहीं है, क्योंकि हाल में स्थानीय आतंकवादियों की भर्ती में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। पाकिस्तान शायद अपनी आंतरिक समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए फिर से जिहादी आतंकवादियों को भारत भेजने की कोशिश कर सकता है, जैसा उसने पहले किया है। हालांकि, भारत अपने जम्मू-कश्मीर क्षेत्र को स्वयं संभालने में सक्षम है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा था कि पीओके के लोग ही मांग करेंगे कि उन्हें भारत में शामिल किया जाए। एसपी वैद ने राजनाथ सिंह के इस बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोग भारत से जुड़ने की इच्छा रखते हैं। वहां पाकिस्तान के खिलाफ ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ जैसे नारे लगाए जा रहे हैं और लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा नेता चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है, जबकि भारत में मेडिकल कॉलेज, एम्स और विश्वविद्यालयों की भरमार है, जो पीओके के लोगों के लिए आकर्षण का कारण हैं।

पूर्व डीजीपी ने गृह मंत्रालय द्वारा जम्मू-कश्मीर में कुछ संगठनों पर लगाए गए प्रतिबंध पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ये संगठन मौलाना अंसारी और मौलाना उमर फारूक के समूह हुर्रियत कन्फ्रेंस के घटक हैं। यह भी एक सच्चाई है कि हुर्रियत पाकिस्तान के मुखपत्र के रूप में काम करता रहा है और यह भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त था। उन्होंने कहा कि इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाना उचित कदम है, क्योंकि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल भारत को खंडित करने के बहाने के रूप में नहीं किया जा सकता।

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