पालमपुर, 30 जून जयसिंहपुर के एसडीएम संजीव कुमार ने आज कहा कि प्रशासन ब्यास और इसकी सहायक नदियों में अवैध खनन पर कड़ी निगरानी रखेगा।
एसडीएम ने बैजनाथ डीएसपी अनिल शर्मा और जयसिंहपुर एसएचओ के साथ विभिन्न अवैध खनन स्थलों का दौरा किया और क्षेत्र में इससे निपटने के लिए रणनीति तैयार की, जहां खनन माफिया ने प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया था, जिससे बड़े पैमाने पर पर्यावरण का क्षरण हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप पिछले साल अचानक बाढ़ भी आई थी।
पट्टे पर दिए गए क्षेत्र चिन्हित नहीं किए गए एनजीटी, हाईकोर्ट और राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार खनन विभाग को खनन के लिए आवंटित क्षेत्र में लाल झंडे वाले सीमेंट के खंभे लगाने होंगे, ताकि लीज क्षेत्र से आगे अवैध खनन न हो सके। लेकिन क्षेत्र में ऐसे कोई खंभे या चिह्न नहीं हैं।
एसडीएम ने कहा कि वे इस खतरे को रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन खनन विभाग से सहयोग के अभाव में अपराधियों को पकड़ना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, “मैंने बैजनाथ डीएसपी से खनन माफिया पर कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। इस अवैध गतिविधि में शामिल लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
ट्रिब्यून की टीम ने आज जयसिंहपुर उपमंडल में अवैध खनन के लिए कुख्यात ब्यास नदी के किनारों का दौरा किया, जहां कई ट्रक, जेसीबी मशीनें और ट्रैक्टर-ट्रेलर नदी के किनारों से खनन सामग्री निकालते देखे गए।
हालांकि राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश और उसके बाद राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों के बाद ब्यास नदी में अवैध खनन पर प्रतिबंध लगाने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है, लेकिन नदी के 2 किलोमीटर के क्षेत्र में अवैध खनन जारी देखा जा सकता है।
पिछले साल बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हलेर गांव के निवासियों ने बताया कि पहले उम्मीद थी कि राज्य में सरकार बदलने के साथ ही जयसिंहपुर में अवैध खनन बंद हो जाएगा। लेकिन खनन विभाग के उदासीन रवैये के कारण पिछले एक साल में राजनीतिक संरक्षण में अवैध और अवैज्ञानिक खनन खूब फल-फूल रहा है। पट्टे पर दिए गए क्षेत्र में कोई कच्चा माल नहीं बचा है, इसलिए ब्यास में अवैध खनन हो रहा है।
एनजीटी, हाईकोर्ट और राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार खनन विभाग को खनन के लिए आवंटित क्षेत्र में लाल झंडे वाले सीमेंटेड पिलर लगाने होते हैं, ताकि लीज क्षेत्र से आगे अवैध खनन न हो सके। लेकिन क्षेत्र में ऐसे कोई पिलर या निशान नहीं हैं। बार-बार प्रयास करने के बावजूद जिला खनन अधिकारी राजीव कालिया से संपर्क नहीं हो सका।
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