पालमपुर, 11 अगस्त विभिन्न पंचायतों द्वारा धन का कथित दुरुपयोग न केवल प्रशासन के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी चिंता का विषय बन गया है।
पंचायतों द्वारा विकास परियोजनाओं के लिए आवंटित धन का दुरुपयोग करने के कई मामले प्रकाश में आए हैं। ऐसी कुछ घटनाओं में राज्य सरकार ने पुलिस में मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
हाल ही में राज्य सरकार ने क्षेत्र में वर्षा आश्रय स्थलों के निर्माण में अनियमितताएं पाए जाने के बाद धीरा पंचायत के प्रधान को हटा दिया।
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने द ट्रिब्यून से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ है और पंचायतों द्वारा धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने कहा, “भारत सरकार ने देशभर की 2.5 लाख पंचायतों का डिजिटल ऑडिट करने का फैसला किया है। पहले चरण में 20 प्रतिशत पंचायतों के खातों का ऑडिट किया गया। इसके लिए पंचायती राज विभाग ने ‘ऑडिट ऑनलाइन’ नामक ओपन सोर्स एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया, जो खातों के ऑनलाइन और ऑफलाइन ऑडिट की सुविधा देता है।”
उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरे भारत में 100 प्रतिशत पंचायतों का ऑडिट हो जाएगा।
उन्होंने कहा, “ऑनलाइन ऑडिट से रिकॉर्ड तक पहुंच आसान हो जाएगी, जिसकी निगरानी जिला, राज्य और केंद्रीय स्तर पर की जा सकेगी। किए गए काम की तस्वीरें अपलोड करने और परियोजनाओं की जियो-टैगिंग से भौतिक निरीक्षण की सुविधा मिलेगी।”
ऑडिट ऑनलाइन एक ओपन सोर्स एप्लीकेशन है, जिसे पंचायती राज मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए ई-पंचायत मिशन मोड प्रोजेक्ट (एमएमपी) के तहत पंचायत एंटरप्राइज सूट (पीईएस) के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है।