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जीशान सिद्दीकी से मिलने मुंबई पहुंचे पप्पू यादव, जताया शोक

Pappu Yadav reached Mumbai to meet Zeeshan Siddiqui, expressed grief

पटना, 26 अक्टूबर । एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद उनके बेटे जीशान से मिलने मुंबई गए बिहार के पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने वापस बिहार आने पर शोक व्यक्त किया।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “बिहार के लोगों पर गर्व होना चाहिए, क्योंकि मुंबई में बिहारियों की बड़ी संख्या है। वहां की भीड़ और पूरे बिहार में भाजपा के प्रति नफरत का माहौल स्पष्ट करता है कि लोग बदलाव चाहते हैं। बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे कौन है? क्या यह कोई बड़ा उद्योगपति या व्यापारी है? अगर ऐसा कोई व्यक्ति सुरक्षित नहीं रह सका, तो निश्चित रूप से पूरा बिहार उसके साथ खड़ा होगा।”

उन्होंने कहा, “आज रात सलमान खान से मुलाकात होनी थी, लेकिन वे शूटिंग में व्यस्त थे। हमने दो बार बात की और चुनाव के दौरान मिलेंगे। सलमान ने कहा कि उनका विश्वास भगवान पर है और वे केवल लोगों की मदद में लगे हैं। वे अपनी आधी कमाई समाज सेवा में लगाते हैं, जो इस बात का सबूत है कि वे संविधान, लोकतंत्र और कानून के प्रति प्रतिबद्ध हैं।”

जीतन राम मांझी द्वारा तेजस्वी यादव पर शराब पीने के आरोप पर उन्होंने कहा, “यह एक व्यक्तिगत मामला है। सच यह है कि कई नेता शराब पीते हैं, और अगर डीएनए टेस्ट करवाए जाए, तो पता चलेगा कि 99 प्रतिशत नेताओं को यह आदत है। यह कोई नई बात नहीं है, और मांझी ने जो कहा, उसमें सच्चाई है।”

उन्होंने आगे कहा, “जहरीली शराब की समस्या गंभीर है। जब लोग इस शराब के सेवन से मर रहे हैं, तो यह पूछना जरूरी है कि इसे कैसे खत्म किया जाए। इसके लिए सत्ता पक्ष और अन्य सभी को मिलकर एक सख्त कानून बनाना चाहिए। जहरीली शराब के निर्माता और आपूर्तिकर्ताओं को आजीवन कारावास की सजा मिलनी चाहिए। इसके अलावा, अगर किसी थाने में जहरीली शराब मिलती है और कोई पकड़ा जाता है, तो पूरे थाने को बर्खास्त कर देना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “ प्रदेश में शराबबंदी को लेकर यह आवश्यक है कि पंचायत स्तर पर भी सख्त कदम उठाए जाएं। अगर कोई साजिशकर्ता पाया जाता है, तो उसकी पंचायत की सदस्यता रद्द कर दी जानी चाहिए। आप जनप्रतिनिधि हैं, इसलिए यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप बिहार की जनता को इस खतरे से बचाने के लिए ठोस कदम उठाएं। आखिरकार, यह राजनीति का सवाल नहीं, बल्कि लोगों की जान का है।”

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