April 8, 2025
National

बजट सत्र 2025 में संसद ने बनाया नया रिकॉर्ड, 17 घंटे से अधिक चली चर्चा : किरेन रिजिजू

Parliament created a new record in the budget session 2025, discussion lasted for more than 17 hours: Kiren Rijiju

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बजट सत्र 2025 के समापन की जानकारी दी। उन्होंने इस सत्र को बेहद उत्पादक बताते हुए कहा कि संसद ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। रिजिजू ने लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यों, अध्यक्षों, स्पीकर और राजनीतिक दलों के नेताओं का आभार जताया, जिनके सहयोग से यह संभव हुआ।

रिजिजू ने बताया कि इस सत्र में राज्यसभा ने 17 घंटे और 2 मिनट की लंबी चर्चा के साथ इतिहास रचा। संशोधन विधेयक पर यह चर्चा हुई, जिसने 1981 के 15 घंटे 51 मिनट के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया। यह बहस 3 अप्रैल को सुबह 11 बजे शुरू हुई और 4 अप्रैल को तड़के 4:02 बजे तक चली। खास बात यह रही कि इस दौरान एक भी व्यवधान नहीं हुआ। रिजिजू ने इसे एक बड़ी उपलब्धि करार देते हुए कहा कि इस रिकॉर्ड को तोड़ना मुश्किल होगा।

लोकसभा में भी सत्र बेहद सफल रहा। यहां 13 घंटे से अधिक समय तक रेलवे, ऊर्जा, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय से जुड़े अनुदानों की मांगों पर चर्चा हुई। वहीं, राज्यसभा में शिक्षा, रेलवे, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और गृह मंत्रालय के कामकाज पर विचार-विमर्श हुआ।

रिजिजू ने कहा कि दोनों सदनों में चर्चा के दौरान आलोचना, सुझाव और स्पष्टीकरण का स्वस्थ आदान-प्रदान हुआ, लेकिन कोई स्थगन या व्यवधान नहीं देखा गया। उन्होंने संसदीय टीम के सहयोगियों अर्जुन मेघवान और एल. मोहन, सचिव (संसदीय विभाग) और अन्य अधिकारियों को भी धन्यवाद दिया।

रिजिजू ने कहा, “हमने नियमों, परंपराओं और प्रक्रियाओं का सम्मान करते हुए संसद का संचालन किया। सरकार की ओर से हम प्रधानमंत्री, सभी दलों के नेताओं और फ्लोर लीडर्स के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।”

इस सत्र की उत्पादकता की लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति पहले ही सराहना कर चुके हैं। रिजिजू ने इसे दोहराते हुए कहा कि सदस्यों के धैर्य और योगदान से यह संभव हुआ। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों के लिए भी समय दिया और कहा कि कोई स्पष्टीकरण चाहिए हो, तो पूछा जा सकता है।

रिजिजू ने इसे लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक बताया और कहा कि सरकार सभी आलोचनाओं को स्वीकार करती है, साथ ही बेहतर कामकाज के लिए सुझावों का भी सम्मान करती है। इस सत्र ने संसदीय इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है।

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