शिमला, 5 अगस्त मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज विधानसभा में हिमाचल प्रदेश के संस्थापक यशवंत सिंह परमार की 118वीं जयंती पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि परमार एक महान व्यक्तित्व थे, जो अपने समय से आगे की सोचते थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन हिमाचल और यहां के लोगों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परमार के निरंतर और अथक प्रयासों के कारण ही हिमाचल को अपनी अलग पहचान मिली, जिसमें एक विशिष्ट संस्कृति, परंपरा और भाषा शामिल है। सुक्खू ने कहा कि परमार हिमाचल की समृद्ध संस्कृति और पर्यावरण के संरक्षक और संवर्द्धक थे और उन्होंने हमेशा वन और वन्य जीवन के संरक्षण को बहुत सम्मान और महत्व दिया। उन्होंने कहा कि परमार ने ही हिमाचल को हरित राज्य बनाने की रूपरेखा तैयार की थी।
इस अवसर पर सुक्खू ने कहा कि सरकार राज्य के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है और शिक्षा, जलविद्युत, पर्यटन, स्वास्थ्य, कृषि, बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण सहित हर क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण बदलाव ला रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, “संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के परिणामस्वरूप सरकार ने एक वर्ष में 2,200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि उसकी नीतियों और कार्यक्रमों का लाभ पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।” इस
अवसर पर सुक्खू ने डॉ. अंशुक अत्री और डॉ. राजेंद्र अत्री की पुस्तक ‘परमार: हिमाचल के शिल्पकार’ और डॉ. अंशुक अत्री की अंग्रेजी में लिखी गई पुस्तक ‘द क्राफ्टिंग ऑफ हिमाचल प्रदेश’ का विमोचन किया।