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न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर से जुड़ा शांति बिल बहुत ही खतरनाक: महुआ माझी

Peace Bill related to nuclear energy sector is very dangerous: Mahua Majhi

लोकसभा में भारत के न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर में सुधार के लिए शांति बिल पास होने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सांसद महुआ माझी ने निशाना साधा। झामुमो सांसद महुआ माझी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “यह बहुत ही खतरनाक बिल है, यह अशांति को बढ़ावा देता है। जिस तरीके से प्राइवेट कंपनी को देने की बात हो रही है, इस दौरान अगर कोई सिरफिरा ऑपरेटर आ जाए, तो परेशानी बढ़ जाएगी।”

उन्होंने कहा, “न्यूक्लियर रिएक्टर को चलाने के लिए यूरेनियम की जरूरत होती है। 1994 में इंदिरा गांधी ने जो पहला परमाणु परीक्षण किया था, वो कैसे किया था? यूरेनियम के ईंधन से जो डस्ट निकलता है, उससे प्लूटोनियम बनता है। उसी प्लूटोनियम से ही उस समय परमाणु बम बनाया गया था और परीक्षण करके अपनी ताकत को दिखाया था।”

माझी ने कहा, “अगर प्राइवेट कंपनी का ऑपरेटर उसी प्लूटोनियम को निकालकर बेच दे, तो यह बड़ा नुकसान कर सकता है। हमारे यहां पर तो मॉनीटरिंग सिस्टम बहुत कमजोर है। भोपाल त्रासदी को सभी ने देखा है कि किस तरह से गलत लोगों के हाथों में जिम्मेदारी मिलने से भारी नुकसान हुआ था। जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में जो विस्फोट हुआ था, अभी तक उसका दंश वहां के लोग झेल रहे हैं।”

झामुमो सांसद ने कहा, “जब न्यूक्लियर रिएक्टर बढ़ेगा तो जाहिर सी बात है कि यूरेनियम की माइनिंग ज्यादा होगी, जिससे वहां लोकल लोगों को नुकसान होगा। हम लोग ऐसे खतरनाक बिल को बिल्कुल सपोर्ट नहीं करते।”

बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। परमाणु ऊर्जा से जुड़ा ‘द सस्टेनेबल हार्नेसिंग एंड एडवांसमेंट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया बिल 2025’, यानी शांति विधेयक, 2025, दोनों सदनों से पास हो गया। विधेयक बुधवार को संसद के निचले सदन लोकसभा से पास हुआ, वहीं गुरुवार को यह राज्यसभा से पास हुआ। अब यह विधेयक राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद पूर्ण रूप से कानून का रूप ले लेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति विधेयक के पारित होने पर खुशी जताई है।

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