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दीपावली पर आतिशबाजी के बाद लोगों को सांस लेने में दिक्कत, कहा- बाहर निकलना हुआ मुश्किल

People face difficulty in breathing after fireworks on Diwali, said - it is difficult to go out

नई दिल्ली, 1 नवंबर । राजधानी दिल्ली में बैन के बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के पास पहुंच गया। दीपावली के अगले दिन लोगों को सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है और वह मास्क लगाने पर मजबूर हुए हैं।

खासकर सांस के मरीजों, बच्चों और बुजुर्गों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिसके चलते अधिकतर लोग मास्क लगाकर घर से निकलने पर मजबूर हो गए हैं। आईएएनएस से बात करते हुए स्कूल टीचर कनिका ने बताया कि किस तरह से राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। इसके साथ ही सरकार के सारे दावे भी फेल हो गए हैं।

दिल्ली में जगह-जगह सड़कों पर दागे गए पटाखों के मलबे को झाड़ू लगाते हटाते हुए कर्मचारी दिख रहे हैं। लोगों का कहना है कि झाड़ू लगाकर धूल भी उड़ाकर पॉल्यूशन का लेवल ही बढ़ा रहे हैं। दिल्ली में पूरी रात जमकर पटाखे फोड़े गए जिसके कारण सुबह होने पर यहां के निवासियों का दम घुटने लगा है।

निवासी सुखदेव ने आईएएनएस से बताया कि उनको सांस लेने में दिक्कत हो रही है। प्रदूषण बहुत बढ़ गया है। आज बहुत ज्यादा महसूस हो रहा है। प्रदूषण से निपटने के लिए प्लान के साथ काम नहीं हो रहा है। सरकार दावें और बातें दोनों करती है लेकिन जमीनी स्तर पर काम जीरो है दीपावली के अवसर पर पटाखों पर बैन नहीं लगा। बाजार में ऐसे प्रदूषण बढ़ाने वाले पटाखे खूब बिक रहे थे। जबकि इको फ्रेंडली पटाखे चलाने की जरूरत थी।

दीपचंद कोहली नाम के एक बुजुर्ग ने आईएएनएस से बताया कि प्रदूषण बहुत बढ़ गया है। पूरी दिल्ली में, खासकर शाहदरा के पास स्थिति बहुत खराब है। यहां गाड़ियों की संख्या बहुत अधिक है। प्रदूषण के समाधान का दावा हर सरकार करती है, लेकिन इसका समाधान नहीं हुआ है। नदी की सफाई पर पैसा भी काफी खर्च किया जा रहा है। लेकिन जब तक गंदगी, सीवर लाइन का पानी वहां बहाना बंद नहीं होगा तब तक प्रदूषण बढ़ता ही रहेगा।

उन्होंने बताया कि वह सुबह टहलने जाते हैं लेकिन मौजूदा स्थिति में उनके लिए सुबह की सैर नुकसानदायक ही अधिक साबित होगी।

सुबह की सैर पर निकले एक और दिल्ली निवासी लक्ष्मण ने कहा कि वह मास्क लगाने पर मजबूत है और ऐसी स्थिति में उनको बच्चों के लिए अधिक डर लग रहा है।

वहीं, शुगर और बीपी की मरीज प्रमिला शर्मा कहती हैं कि वह बीमारी के कारण सुबह पार्क में टहलने का लाभ लेने के लिए जाती हैं। लेकिन दिल्ली में बहुत प्रदूषण के कारण उनको बाहर निकलने पर सांस लेने में दिक्कत हो रही है। बच्चों के मास्क भी निकल चुके हैं।

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