ग्रेटर नोएडा, 3 सितंबर । ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सुपरटेक ईको विलेज-2 में दूषित पानी से कुछ लोगों के बीमार पड़ने की घटना को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने गंभीरता से लिया है। सीईओ ने जलापूर्ति विभाग की टीम को तत्काल मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश दिए।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक एसके मिश्र और वरिष्ठ प्रबंधक राजेश गौतम अपनी टीम को लेकर मंगलवार सुबह ही मौके पर पहुंचे और जलापूर्ति नेटवर्क का जायजा लिया। प्रारंभिक तौर पर प्राधिकरण की तरफ से हो रही जलापूर्ति में किसी तरह की खामी नहीं मिली है, लेकिन फिर भी टीम ने पानी का सैंपल ले लिया है। लैब से इसकी जांच कराकर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
प्राधिकरण की टीम ने इस दिक्कत पर निवासियों से भी बात की। लोगों ने टीम को बताया कि हाल ही में सोसाइटी के अंदर बने टैंक की सफाई कराई गई है। उसके बाद से ही गंदे पानी की सप्लाई हुई, जिसे पीने से लोग बीमार हुए हैं।
जलापूर्ति विभाग के महाप्रबंधक जितेंद्र गौतम ने बताया कि ग्रेटर नोएडा की सभी ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी को प्राधिकरण की तरफ से उनके रिजर्वायर तक ही सप्लाई की जाती है। सोसाइटी के निवासियों के घरों तक जलापूर्ति खुद बिल्डर या फिर एओए (अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन) की तरफ से कराई जाती है।
गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा के ईको विलेज-2 की सोसाइटी में दूषित पानी की आपूर्ति के चलते लोग बीमार हो गए थे, जिनमें से कई बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है।
शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच कर जांच कर रही है। साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की टीम भी अपने सप्लाई वाटर के पाइप की जांच में जुटी हुई है।
निवासियों ने बताया कि सोसायटी के टावर सी-4, सी-5, सी-6 और सी-7 में 20 मंजिल इमारत है। एक टावर में 160 से अधिक फ्लैट हैं। इनमें रहने वाले सैकड़ों लोगों ने पिछले दो-तीन दिन में पेट दर्द, दस्त, उल्टी और बुखार होने की शिकायत की है।
फिलहाल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की टीम को कोई खामी नहीं मिली है।