April 25, 2025
Haryana

भिवानी में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत दिए जाने वाले सरसों के तेल को लेकर लोगों ने चिंता जताई

People in Bhiwani expressed concern over the mustard oil given under the public distribution system

भिवानी जिले के डांग कला गांव निवासी वीरेंद्र सिंह ने आरोप लगाया है कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत स्थानीय राशन डिपो के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन यापन करने वाले परिवारों को आपूर्ति किया जाने वाला सरसों का तेल अनुपयोगी और मिलावटी है।

आज समाधान शिविर के दौरान उपायुक्त से शिकायत की गई। सिंह ने कहा कि घटिया खाद्य तेल के इस्तेमाल से भोजन का स्वाद कड़वा हो जाता है। उन्होंने उपायुक्त से तेल में “मिलावट” की जांच करवाने का अनुरोध किया।

गुरुवार को लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए सभागार में आयोजित शिविर में सिंह के अलावा कई लोग विभिन्न मुद्दों से संबंधित अपनी शिकायतें लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के पास पहुंचे।

सत्र की अध्यक्षता कर रहे डीसी महावीर कौशिक ने निवासियों को आश्वासन दिया तथा संबंधित अधिकारियों को शिकायतों पर तुरंत संज्ञान लेने के निर्देश दिए।

भिवानी के राजीव नगर इलाके के निवासियों ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा उनके इलाके में दूषित पानी की आपूर्ति के बारे में शिकायत की। डीसी ने तुरंत अधिकारियों को शिकायत पर गौर करने और स्वच्छ एवं पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने पाइपलाइन लीकेज के मामलों में समय पर मरम्मत के महत्व पर जोर दिया तथा कहा कि पानी और बिजली मूलभूत सेवाएं हैं।

कौशिक ने सभी विभागों को शिविर के दौरान प्राप्त शिकायतों पर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा समस्याओं के समाधान में ढिलाई बरतने के कारण समाधान शिविरों के दौरान कई बार समस्याएं दोबारा सामने आ जाती हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट शिकायत पोर्टल पर अपलोड की जाए और राज्य मुख्यालय स्तर पर उसकी समीक्षा की जाए।

शिविर के दौरान कई शिकायतकर्ताओं ने जर्जर सड़क ढांचे का मुद्दा भी उठाया। राजीव कॉलोनी के निवासियों ने तिगड़ाना और गुजरानी को जोड़ने वाली सड़कों की खराब स्थिति पर प्रकाश डाला, जिससे यात्रियों को असुविधा और जोखिम का सामना करना पड़ रहा है।

डीसी ने मार्केटिंग बोर्ड, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग सहित संबंधित विभागों को अधिकार क्षेत्र निर्धारित करने और आवश्यक मरम्मत के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। शिविर में कई अन्य मुद्दे भी उठाए गए, जिनमें भूमि अतिक्रमण, गुम हुए सार्वजनिक दस्तावेज और लंबित स्कूल प्रमाण पत्रों की शिकायतें शामिल थीं।

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