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सत्ता के अहंकार को जनता कभी स्वीकार नहीं करती : राजद

People never accept the arrogance of power: RJD

पटना, 27 जुलाई। राजद के वरिष्ठ नेता सुनील सिंह की विधान परिषद सदस्यता रद्द किए जाने के बाद पार्टी भड़क उठी है। राजद का मानना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अड़ियल रवैये के कारण अकारण सुनील सिंह की विधान परिषद की सदस्यता समाप्त कर दी गई है।

पटना में शनिवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि एक शासक के जिद्दी रवैया और अड़ियल रूख को खुश करने के लिए दो व्यक्ति ने अपने आप को लाभान्वित करने के एवज में ये पटकथा बहुत पहले ही लिख दी थी। कहीं न कहीं मुख्यमंत्री ने इन दोनों को उसका पुरस्कार लोकसभा के टिकट तथा दूसरे को उप सभापति बनाकर दिया।

उन्होंने कहा कि सुनील सिंह की सदस्यता समाप्त की गई और उसी मामले में दूसरे विधान परिषद सदस्य कारी मोहम्मद सोहैब को दो दिन के लिए सदन से निलंबित करने का प्रस्ताव लिया गया। सुनील सिंह ने आचार समिति के सभापति से लिखित में मांगा था कि उनका दोष क्या है और उन्हें किस मामले में दंडित किया जा रहा है। लेकिन, उसका कोई भी साक्ष्य, तथ्य या सबूत नहीं दिया गया।

उन्होंने इस कार्रवाई को विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश बताते हुए आरोप लगाया कि चुनाव में व्यस्त रहने के बाद भी सुनील सिंह ने आचार समिति के सामने उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा। लेकिन, उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया। सदन में जब इस मामले पर चर्चा हो रही थी तब भी सुनील सिंह को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया। जबकि, लोकतंत्र में सबको पक्ष रखने का मौका मिलता है।

उन्होंने आगे कहा कि सत्ता के जोर पर और एक व्यक्ति के जिद्द को पूरा करने के लिए सदस्यता समाप्त करने की प्रक्रिया अपनाई गई, जो कहीं से उचित नहीं है। सत्ता का अहंकार जनता कभी स्वीकार नहीं करती है। प्रेस वार्ता में विधान पार्षद कारी मोहम्मद सोहैब, डाॅ. अजय कुमार सिंह, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद भी उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि राजद के एमएलसी सुनील सिंह की सदस्यता शुक्रवार को समाप्त कर दी गई। सुनील सिंह के खिलाफ कार्रवाई प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री करने के मामले में की गई। यह फैसला विधान परिषद की आचार समिति की रिपोर्ट के बाद लिया गया।

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