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सहकारी बैंक घोटाले के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे

People took to the streets against the cooperative bank scam

24 अगस्त हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की स्थानीय शाखा में कथित बहु-करोड़ रुपए के घोटाले को लेकर आज नोहराधार में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया गया। सैकड़ों निवासियों, व्यापारियों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने बैंक प्रबंधन पर जनता के पैसे का गलत प्रबंधन करने का आरोप लगाया। उन्होंने मांग की कि जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए ताकि उनका खोया हुआ पैसा वापस मिल सके।

स्थानीय बाजार में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए और नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने चल रही जांच पर असंतोष व्यक्त किया और बैंक के प्रबंध निदेशक को निलंबित करने तथा चेयरमैन के इस्तीफे की मांग की। तनाव बढ़ने पर प्रदर्शनकारियों ने बैंक अधिकारियों को घेर लिया और मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी में हो रही देरी पर स्पष्टीकरण मांगा।

4.02 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला 3 अगस्त को प्रकाश में आया था। शुरुआत में बैंक प्रबंधन ने आंतरिक जांच की और 10 अगस्त को संगराह पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, जांच की धीमी गति से लोगों में आक्रोश फैल गया, जिसके कारण बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ। स्थानीय ट्रेड यूनियन द्वारा आयोजित रैली के दौरान, विभिन्न राजनीतिक पृष्ठभूमि के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार नारायण सिंह ने भी प्रदर्शनकारियों को अपना समर्थन दिया।

प्रदर्शनकारियों ने मौके पर मौजूद संगड़ाह उपमंडल मजिस्ट्रेट सुनील कायथ को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मुख्यमंत्री से घोटाले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश देने का आग्रह किया गया।

एसडीएम ने कहा, “घोटाले का स्तर चिंताजनक है, लेकिन सिस्टम से छेड़छाड़ अस्वीकार्य है। हम ज्ञापन को तुरंत मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे।”

सिरमौर जिला बैंक प्रबंधक प्रिय दर्शन पांडे ने कहा, “हम धनराशि की वसूली के लिए आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं। अब तक सात कर्मचारियों को निलंबित किया गया है और 10 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। पूरे बैंक स्टाफ को भी बदल दिया गया है।” उन्होंने कहा कि प्रभावित जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस मिल जाएगा।

खाताधारक इंद्रपाल ने दुख जताते हुए कहा, “हमने अपनी जिंदगी की सारी जमा पूंजी बैंक पर लगा दी और अब हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है। हम अपने परिवार का पेट कैसे भरेंगे?”

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