चंडीगढ़, 20 जनवरी
पंचकुला के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को बताया कि मोरनी हिल्स के “परिधि नियंत्रण क्षेत्र और नियंत्रित क्षेत्र” में उल्लिखित प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए व्यक्तियों को कुल 139 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति निधि गुप्ता की खंडपीठ को सौंपी गई स्थिति रिपोर्ट में डीसी सुशील सरवन ने कहा कि उनके कार्यालय ने मोरनी हिल्स के “नियंत्रित क्षेत्र” के भीतर अवैध निर्माणों का विवरण मांगा था। इस संबंध में की गई कार्रवाई का डेटा भी पंचकुला जिला नगर योजनाकार से मांगा गया था।
पीठ विजय बंसल द्वारा राज्य और अन्य प्रतिवादियों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जिला नगर योजनाकार से प्राप्त रिपोर्ट से पता चला कि मोरनी हिल्स में लागू “परिधि नियंत्रण क्षेत्र के प्रावधानों और नियंत्रित क्षेत्र के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए अपराधियों” को 139 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। इसके अलावा, बेंच को बताया गया कि उनके कार्यालय ने प्रचलित कानूनों के उल्लंघन में मोरनी हिल्स के वन क्षेत्र के भीतर अवैध निर्माण या गतिविधियों का विवरण मांगा था। मोरनी मंडल वन अधिकारी से इस संबंध में की गई कार्रवाई के संबंध में आंकड़े मांगे गए।
प्राप्त रिपोर्ट से पता चला कि मोरनी हिल्स के क्षेत्र में लागू पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम, 1900 के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए अपराधियों को 53 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे, और उनके खिलाफ कुरुक्षेत्र पर्यावरण न्यायालय में दो मामले दायर किए गए थे।
पंचकुला के कार्यकारी अभियंता की एक अन्य रिपोर्ट कार्यालय में प्राप्त हुई, जिसमें दिखाया गया कि मोरनी हिल्स के क्षेत्र में लागू कानूनों के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए अपराधियों को 107 नोटिस जारी किए गए थे। उच्च न्यायालय ने पहले हरियाणा को आरक्षित वन के रूप में अधिसूचित क्षेत्रों को संरक्षित करने और वहां किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि की अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया था। ये निर्देश तब आए जब बेंच ने कहा कि प्रतिवादी अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदम अपर्याप्त थे।