फिल्लौर के कांग्रेस विधायक विक्रमजीत सिंह चौधरी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच की मांग की है।
दलित नेता चौधरी ने यह पत्र राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष को भी भेजा है। चौधरी ने कहा कि कुमार ने कथित तौर पर “लगातार भेदभाव, उत्पीड़न और अपमान” के कारण आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी और समय पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, “उनकी मृत्यु के कारणों और उनके सुसाइड नोट में लगाए गए गंभीर आरोपों के कारण संबंधित अधिकारियों को तत्काल और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। यह घटना जाति-आधारित भेदभाव की कठोर वास्तविकता को उजागर करती है जो हमारे देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं को भी प्रभावित करती है।”
उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा, “श्री पूरन कुमार की मृत्यु से जुड़ी परिस्थितियों की गहन, निष्पक्ष और समयबद्ध जाँच की जानी चाहिए। उनके सुसाइड नोट में जिन लोगों का नाम है, चाहे वे किसी भी पद या हैसियत के हों, चाहे वे वर्तमान डीजीपी हों या पूर्व डीजीपी, उनकी बिना किसी भय या पक्षपात के जाँच की जानी चाहिए।”
उन्होंने यह भी मांग की कि यदि कोई व्यक्ति उकसावे, भेदभाव या कर्तव्य में लापरवाही का दोषी पाया जाए तो उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए। चौधरी ने इस घटना के मद्देनजर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी सवाल उठाए।
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