वाराणसी, 5 जून । विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इस दिन लोगों को जागरूक करने के लिए पर्यावरण से संबंधित कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में वाराणसी में गंगा नदी की सफाई की गई और पौधे लगाए गए।
‘पेड़ और जल ही जीवन का सच्चा आधार है’, इस मैसेज को देने के लिए नमामि गंगे मिशन के तहत एकजुट हुए लोगों ने दशाश्वमेध और प्रयाग घाट पर गंगा नदी की सफाई की। गंगा जल को प्रदूषित कर रही सामग्रियों को बाहर निकाला और जल के संरक्षण का संकल्प लिया गया।
इस दौरान लोगों ने जमकर नारे भी लगाए – ‘हम सभी ने ठाना है, गंगा को स्वच्छ बनाना है’, ‘हम सब ने ठाना है, पर्यावरण को बचाना है’।
एक ने कहा, ”हम संकल्प लेते हैं, इस पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान देंगे। हम जल का संरक्षण करेंगें। हम पौधे लगाएंगे और पौधों का संरक्षण भी करेंगे। हम संकल्प लेते हैं कि गंगा किनारे कोई भी गंदगी नहीं करेंगे। गंगा पर पॉलिथीन का इस्तेमाल नहीं करते हुए गंगा को प्रदूषित करने वाली सामग्रियों का विसर्जन नहीं करेंगे।”
अहिल्याबाई घाट पर पर्यावरण को शुद्ध रखने और वृक्षारोपण की भावना को जगाने के लिए लोगों को तुलसी के पौधे दिए गए। पर्यावरण के प्रमुख स्रोत सूर्य देव, जल रूपी मां गंगा और वनस्पति रूपी तुलसी की आरती की गई।
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस हमारे लिए केवल एक रस्म नहीं है, बल्कि यह खास दिन है, जिसमें हम पर्यावरण के महत्व को बताते हैं और लोगों को यह याद दिलाते हैं कि प्रकृति की रक्षा करना कितना जरूरी है।
उन्होंने आगे कहा कि पेड़-पौधे लगाने, पेड़ों को संरक्षित करने, पेड़ों को न काटने, नदियों को साफ रखने, जल का संरक्षण और प्रकृति से खिलवाड़ न करने जैसी चीजों के लिए हमें जागरूक होना चाहिए। इस बार हम सब को मिलकर पृथ्वी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए आगे आना चाहिए।
आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, सोहन सिंह, राजेंद्र सिंह, रमेश चौहान, रतनलाल, नागेंद्र शर्मा मौजूद रहे।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने 5 जून 1972 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत की थी। तब से पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।