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प्रधानमंत्री मोदी ने 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय सहयोग और वैश्विक सुरक्षा पर चर्चा की

PM Modi discusses regional cooperation and global security at the 19th East Asia Summit

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में विएनशेन, लाओ पीडीआर में महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसमें उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। सबसे पहले उन्होंने ‘टाइफून यागी’ से प्रभावित लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की और कहा कि भारत ने ऑपरेशन सद्भाव के माध्यम से मानवीय सहायता उपलब्ध कराई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने सदैव आसियान की एकता और केंद्रीयता का समर्थन किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत का इंडो-पेसिफिक विजन और क्वाड सहयोग के केंद्र में भी आसियान है। पीएम मोदी ने ‘हिंद-प्रशांत महासागर पहल’ और ‘आसियान हिंद-प्रशांत पर दृष्टिकोण’ के बीच गहरी समानताएं बताते हुए कहा कि एक फ्री, ओपन, समावेशी, समृद्ध और नियम आधारित इंडो-पैसिफिक पूरे क्षेत्र की शांति और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।

उन्होंने दक्षिणी चीन सागर की शांति, सुरक्षा और स्थिरता को सभी देशों के हित में बताया और कहा कि समुद्री गतिविधियां ‘यूनाइटेड नेशन कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ द सी’ (यूएनसीएलओएस) के अंतर्गत संचालित होनी चाहिए। उन्होंने स्वतंत्रता के अधिकारों की सुरक्षा और एक ठोस और प्रभावी कोड ऑफ कंडक्ट बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें क्षेत्रीय देशों की विदेश नीति पर अंकुश नहीं लगाया जाना चाहिए।

म्यांमार की स्थिति पर भी पीएम मोदी ने आसियान दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए कहा कि भारत म्यांमार को अलग करने के बजाय उसके साथ बातचीत करने का पक्षधर है। उन्होंने कहा कि हम मानवीय सहायता को बनाए रखने और लोकतंत्र की बहाली के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता को समझते हैं। पीएम मोदी ने वैश्विक संघर्षों का जिक्र करते हुए कहा कि इनका सबसे नकारात्मक प्रभाव ग्लोबल साउथ के देशों पर हो रहा है और सभी को शांति और स्थिरता की बहाली की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि युद्ध का युग समाप्त हो चुका है और समस्याओं का समाधान रणभूमि से नहीं निकलेगा।

आतंकवाद को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बताते हुए पीएम मोदी ने मानवता में विश्वास रखने वाली ताकतों के एकजुट होने की अपील की। उन्होंने साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष के क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह भारत की पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में दी गई प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है। उन्होंने सभी देशों को नालंदा में होने वाले ‘उच्च शिक्षा प्रमुखों का सम्मेलन’ के लिए आमंत्रित किया।

पीएम मोदी ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए लाओ पीडीआर के प्रधानमंत्री सिपानदोन को बधाई दी और आगामी अध्यक्ष मलेशिया को शुभकामनाएं दीं।

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