N1Live Uttar Pradesh पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में दिया स्वास्थ्य पर जोर, लोगों ने कहा – ‘वह हर वर्ग के बारे में सोचते हैं’
Uttar Pradesh

पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में दिया स्वास्थ्य पर जोर, लोगों ने कहा – ‘वह हर वर्ग के बारे में सोचते हैं’

PM Modi laid emphasis on health in 'Mann Ki Baat', people said - 'He thinks about every section'

वाराणसी, 24 फरवरी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के 119वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ‘ओबेसिटी’, परीक्षा, स्पेस समेत कई क्षेत्रों का जिक्र किया। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी लोगों ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम सुना। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री हर वर्ग और लोगों के बारे में सोचते हैं।

भाजपा के महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि पीएम मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ में ‘ओबेसिटी’ का जिक्र किया और इसे लेकर देशवासियों का आह्वान भी किया। हम सबके लिए यह एक अच्छा संदेश है और पीएम मोदी की यह मुहिम कारगर साबित हो सकती है। पीएम मोदी की सोच है कि देश के आम नागरिकों को जोड़ा जा सके।

मधुरिमा श्रीवास्तव ने कहा कि पीएम मोदी ने आज ‘मन की बात’ में स्वास्थ्य पर फोकस किया। उन्होंने मोटापा कम करने के लिए आह्वान किया है। मैं मानती हूं कि यह एक अच्छी मुहिम है, जिसके प्रति देशवासी जागरूक होंगे।

निशि तिवारी ने कहा कि पीएम मोदी ने स्वस्थ भारत बनाने के लिए आज एक और मुहिम छेड़ी है। उन्होंने इस कार्यक्रम के माध्यम से हर वर्ग के लोगों को फिट रहने की सलाह दी है। मैं उनकी इस मुहिम के प्रति आभार व्यक्त करती हूं।

उधर, जम्मू-कश्मीर के राजौरी में भी लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘मन की बात’ कार्यक्रम सुना। आम लोगों ने पीएम मोदी के ‘ओबेसिटी’ को लेकर किए गए आह्वान की तारीफ भी की।

प्रधानमंत्री ने रविवार को ‘मन की बात’ के 119वें एपिसोड में ‘ओबेसिटी यानी मोटापे’ पर चर्चा की। उन्होंने ‘फिट और हेल्दी नेशन’ बनाने के लिए ‘ओबेसिटी’ की समस्या से निपटने पर जोर दिया।

पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ के दौरान कहा, “खाने में तेल का कम उपयोग और ओबेसिटी से निपटना यह केवल पर्सनल च्वाइस नहीं है, बल्कि परिवार के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है। खान-पान में तेल का अधिक इस्तेमाल हृदय रोग, डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी ढेर सारी बीमारियों की वजह बन सकता है। अपने खान-पान में छोटे-छोटे बदलाव करके, हम, हमारे भविष्य को अधिक मजबूत, स्वस्थ और रोगमुक्त बना सकते हैं, इसलिए हमें बिना देर किए इस दिशा में प्रयास बढ़ाने होंगे। साथ ही इसे अपने जीवन में उतारना होगा। हम सब मिलकर इसे खेल-खेल में बहुत प्रभावी रूप से कर सकते हैं। जैसे, मैं आज ‘मन की बात’ के इस एपिसोड के बाद 10 लोगों को आग्रह और चैलेंज करूंगा कि क्या वे अपने खाने में तेल को 10 प्रतिशत कम कर सकते हैं? और साथ ही उनसे यह आग्रह भी करूंगा कि वे आगे नए 10 लोगों को ऐसा ही चैलेंज दें। मुझे विश्वास है कि इससे ओबेसिटी से लड़ने में बहुत मदद मिलेगी।”

Exit mobile version