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पीएम मोदी ने पैरालंपिक पदक विजेताओं से की बात, बोले- ‘पदक जीतना देश के लिए सबसे बड़ा तोहफा’

PM Modi spoke to Paralympic medal winners, said - 'Winning a medal is the biggest gift for the country'

 

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैरालंपिक खेल के पदक विजेताओं हरविंदर सिंह, कपिल परमार, प्रणव सूरमा, सचिन सरजेराव खिलारी और धरमबीर से टेलीफोन पर बातचीत की और उन्हें जीत की बधाई दी।

 

पदक विजेताओं से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि खिलाड़ियों का पदक जीतना देश के लिए सबसे बड़ा तोहफा है। उनके प्रदर्शन से देश के युवाओं को प्रेरणा मिली है। उन्होंने खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के पीछे कोचों के प्रयासों की भी सराहना की।

कपिल परमार गुरुवार को पुरुषों के 60 किग्रा (जे1) वर्ग में कांस्य पदक जीतकर जूडो में भारत के पहले पैरालंपिक पदक विजेता बन गए। वहीं हरविंदर सिंह बुधवार को पोलैंड के लुकास सिसजेक को एकतरफा फाइनल में हराकर तीरंदाजी में भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता बन गए। वहीं धरमबीर ने पैरालिंपिक 2024 में पुरुषों की क्लब थ्रो एफ 51 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता।

शुक्रवार, 6 सितंबर तक भारत की पदक संख्या 26 हो गई। इसमें छह स्वर्ण, नौ रजत और 11 कांस्य शामिल हैं, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन कर रहे भारतीय एथलीटों से फोन पर बात की थी। पीएम मोदी ने योगेश कथुनिया, सुमित अंतिल, शीतल देवी और राकेश कुमार से बात की थी। योगेश कथुनिया ने पुरुष डिस्कस थ्रो एफ56 एथलेटिक्स में रजत पदक हासिल किया था। सुमित अंतिल ने जैवलिन थ्रो एफ64 एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता था। राकेश कुमार और शीतल देवी ने मिक्स्ड टीम कंपाउंड ओपन तीरंदाजी में कांस्य पदक जीता था।

वहीं केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने पेरिस पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन की सराहना करते हुए गुरूवार को कहा कि पूरे देश को इन खिलाड़ियों पर गर्व है।

पेरिस पैरालंपिक में भाग लेकर स्वदेश लौटे भारतीय खिलाड़ियों का स्वागत करने के बाद मांडविया ने कहा मुझे आज खुशी है कि पेरिस पैरालंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। खिलाडियों ने अपना जो कौशल दिखाया है, उस पर हम गर्व महसूस करते है। उन्होंने देश का गौरव भी बढ़ाया है। आज देश के हर नागरिक को हर पैरालंपिक खिलाड़ी पर गर्व महसूस होता है।

 

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