नई दिल्ली, 13 दिसंबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14 और 15 दिसंबर को नई दिल्ली में मुख्य सचिवों के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। पीएमओ ने शुक्रवार को इसे लेकर एक बयान जारी किया।
बयान के मुताबिक यह केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम होगा।
मुख्य सचिवों का सम्मेलन प्रधानमंत्री मोदी के सहकारी संघवाद को मजबूत करने और तेजी से विकास और प्रगति हासिल करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से प्रेरित है। यह सम्मेलन पिछले तीन वर्षों से हर साल आयोजित किया जा रहा है।
पहला मुख्य सचिव सम्मेलन जून 2022 में धर्मशाला में आयोजित किया गया था, उसके बाद दूसरा और तीसरा सम्मेलन क्रमशः जनवरी 2023 और दिसंबर 2023 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।
सम्मेलन में राज्यों के साथ साझेदारी में एक साझा विकास एजेंडा पर चर्चा की जाएगी। केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, नीति आयोग, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ क्षेत्र विशेषज्ञों के बीच व्यापक विचार-विमर्श के आधार पर चौथा राष्ट्रीय सम्मेलन ‘उद्यमिता, रोजगार और कौशल’ को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगा।
इस व्यापक विषय के अंतर्गत छह क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया जाएगा। जिसमें विनिर्माण, सेवा, ग्रामीण गैर-कृषि, शहरी, नवीकरणीय ऊर्जा, और परिपत्र अर्थव्यवस्था को विस्तृत चर्चा के लिए चिन्हित किया गया है।
विकसित भारत के लिए अग्रणी प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास केंद्रों के रूप में शहरों का विकास, निवेश के लिए राज्यों में आर्थिक सुधार और मिशन कर्मयोगी के माध्यम से क्षमता निर्माण पर चार विशेष सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।
इसके अलावा कृषि में आत्मनिर्भरता, खाद्य तेल और दालें, वृद्ध आबादी की देखभाल के लिए आर्थिक मदद, पीएम सूर्य घर, मुफ्त बिजली योजना कार्यान्वयन और भारतीय ज्ञान परम्परा पर केंद्रित विचार-विमर्श किया जाएगा।
सम्मेलन में प्रत्येक विषय के अंतर्गत राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों की सर्वोत्तम प्रथाओं को भी प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि राज्यों में पारस्परिक शिक्षा को प्रोत्साहित किया जा सके।
सम्मेलन में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव, वरिष्ठ अधिकारी, डोमेन विशेषज्ञ तथा अन्य लोग उपस्थित रहेंगे।
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