April 11, 2025
National

पीएम मोदी की उपस्थिति ने नवकार महामंत्र दिवस को बनाया ऐतिहासिक, जैन समाज गौरवान्वित

PM Modi’s presence made Navkar Mahamantra Day historic, Jain community proud

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में मनाया गया विश्व नवकार महामंत्र दिवस जैन समाज के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण बन गया। इस आयोजन को लेकर जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (जेआईटीओ) के पूर्व चेयरमैन गणपतराज चौधरी और जेएटीएफ के पैट्रन मेंबर एवं वेलमार्क ग्रुप के निदेशक तेजराज गुलेचा ने भावुक प्रतिक्रियाएं दीं।

गणपतराज चौधरी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का इस आयोजन में शामिल होना जैन संस्कृति, इसके मूल्यों और आध्यात्मिकता के प्रति उनकी गहरी आस्था को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “यह महामंत्र समभाव, शांति और करुणा का प्रतीक है। प्रधानमंत्री का इसे वैश्विक मंच पर सम्मान देना न केवल जैन समाज बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है।”

चौधरी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने नवकार मंत्र के बारे में इतनी गहराई से बात की कि स्वयं जैन समाज के कई लोगों को भी उसके बारे में उतनी जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए अत्यंत गर्व की बात है कि देश का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति हमारी आध्यात्मिक विरासत को इतनी श्रद्धा और सम्मान के साथ समझता है।”

तेजराज गुलेचा ने प्रधानमंत्री की विनम्रता और संस्कारों की भी सराहना की। उन्होंने बताया, “जब प्रधानमंत्री हमारे कार्यक्रम में आए, तो उन्होंने अपने जूते कार में ही उतार दिए, यह उनकी भारतीय संस्कृति और हर धर्म के प्रति सम्मान का प्रतीक है। सनातन संस्कारों में पले-बढ़े होने के कारण उन्हें सभी धर्मों की गहरी समझ है।”

उन्होंने कहा कि इस आयोजन ने न केवल जैन समाज को एक नई पहचान दी, बल्कि प्रधानमंत्री की सहभागिता ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष महत्व भी दिलाया।

जेआईटीओ महासचिव और लिबॉर्ड ग्रुप के चेयरमैन ललित कुमार डांगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का जैन धर्म और नवकार मंत्र के प्रति ज्ञान और आस्था प्रेरणादायक है।

डांगी ने बताया, “प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में 14 वर्षों तक जैन संतों के संपर्क में रहे। उन्होंने कई जैन आयोजनों में भाग लिया और संतों से संवाद कर जैन सिद्धांतों को गहराई से समझा। विज्ञान भवन में उन्होंने जिस भावनात्मक और बौद्धिक रूप से अहिंसा, शांति और परोपकार के सिद्धांतों को साझा किया, वह पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक रहा।”

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