गोरखपुर, मधुमक्खी पालन और खुद के ब्रांड के शहद उत्पादन का स्टार्टअप शुरू कर गोरखपुर के निमित सिंह आज पूरे देश में सर्वविदित हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में हनी तथा बी-वैक्स बनाने वाले गोरखपुर के निमित सिंह के प्रयास को भी काफी सराहा। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से अनुदानित लोन लेकर अपने स्टार्टअप को नई ऊंचाई पर पहुंचाने वाले निमित की चर्चा रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में की। पीएम मोदी ने उनके स्टार्टअप की मुक्त कंठ से सराहना की और उनका उल्लेख युवाओं के लिए नजीर के रूप में किया। पीएम द्वारा गोरखपुर के निमित सिंह की सराहना किए जाने पर सीएम योगी ने उनके प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।
निमित सिंह मूलत: गोरखपुर के दिव्य नगर कॉलोनी के रहने वाले हैं और संप्रति बाराबंकी में मधुमक्खी पालन और मधुमक्खीवाला ब्रांड से कई रेंज में शहद का कारोबार करते हैं। उन्होंने अन्नामलाई विश्वविद्यालय से वर्ष 2014 में मेकेनिकल ट्रेड से बीटेक किया। पढ़ाई करने के बाद उन्होंने नौकरी करने की बजाय खुद का स्टार्टअप शुरू करने का निर्णय लिया। उनके पिताजी डॉ केएन सिंह ने उन्हें मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में हाथ आजमाने की सलाह दी।
स्टार्टअप शुरू करने से पहले बुनियादी जानकारी हासिल करने के लिए उन्होंने सिक्किम, कोलकाता, झारखंड समेत आधा दर्जन राज्यों में भ्रमण कर मधुमक्खी पालन का तौर तरीका देखा और सीखा। इस दौरान ही उन्होंने दूरस्थ शिक्षा प्रणाली से एमबीए की पढ़ाई भी पूरी कर ली। 2016 में उन्होंने 50 बॉक्स से मधुमक्खी पालन शुरू किया। फिर अपने तैयार शहद को खुद ही बाजार में उतारने का फैसला किया। वह खुद ही लखनऊ में अलग अलग सार्वजनिक स्थानों पर जाते और खुद द्वारा उत्पादित शहद को अपने ब्रांड से बेचते।
निमित ने 2018 में स्टार्टअप को विस्तार देने का फैसला किया। उनके इस फैसले में मददगार बनी मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना। इसके तहत उन्होंने 10 लाख रुपये का लोन लेकर मशीन व अन्य उपकरण स्थापित कर शहद उत्पादन को औद्योगिक रूप दिया। उनके मधुमक्खी पालन का बेस बाराबंकी है। अपने ब्रांड को और ऊंचाई पर ले जाने के लिए उन्होंने लखनऊ के चिनहट में लैब भी बना रखी है। लैब में शहद के स्वाद, गुणवत्ता व औषधीय गुणों का नियमित परीक्षण किया जाता है।
निमित सिंह सिर्फ मधुमक्खी का पालन ही नहीं करते हैं, बल्कि उससे निकले शहद पर निरंतर शोध भी करते हैं। अपने रिसर्च से वह अलग अलग फूलों, फलों वाले आठ प्रकार के स्वाद व मेडिसिनल गुणों वाले शहद को बाजार में उतार चुके हैं। निमित सिंह अपने शोध का हवाला देकर बताते हैं कि जहां सरसों, लीची, जामुन, यूकेलिप्टस, नीम, बबूल, तिल, तुलसी आदि की फसलें हैं, वहां पर वैसे ही सुंगध, स्वाद, रंग और औषधीय गुण वाला शहद तैयार हो रहा है। उन्होंने जिस फल या फूल के तत्व से शहद बना है, उसी के मुताबिक नाम देकर बाजार में उतारा है। यही नहीं, मधुमक्खीवाला ब्रांड के लिए बाजार हेतु उन्होंने किसी कंपनी का सहारा लेने के बजाए खुद ही मार्केटिंग का प्लैटफॉर्म तैयार किया है।
निमित ने सिर्फ शहद के कई फ्लेवर ही नहीं तैयार किए, बल्कि इसके बचे मोम से मोमबत्ती, खिलौने, साबुन आदि भी तैयार किए। बाराबंकी के चैनपुरवा गांव में उन्होंने पुलिस अधिकारी अरविंद चतुर्वेदी की पहल पर 115 ऐसे परिवारों को मोम के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण देकर आजीविका से जोड़ा है जो कभी शराब के कारोबार व नशे के लिए बदनाम थे।
उनके स्टार्टअप का एक छोटा प्रयास आज सलाना दो करोड़ रुपये के टर्नओवर का रूप ले चुका है। उनके शहद उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक के नेटवर्क में 700 लोग रोजगार पा रहे हैं। इतना ही नहीं, निमित्त उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों के अलावा पंजाब, तामिलनाडु, बंगाल, उत्तराखंड व राजस्थान में बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षण देकर उनको अपने ब्रांड के नाम से ही शहद बेचने के लिए प्रेरित किया। अब तक वह पांच सौ से अधिक किसानों को इस कार्य से जोड़ चुके हैं।
वह बताते हैं कि हार्टिकल्चर मिशन के तहत राज्य सरकार एक इकाई (50 बॉक्स) लगाने पर आने वाले व्यय 2.20 लाख पर 40 प्रतिशत सब्सिडी देती है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना भी खुद का काम शुरू करने के लिए संजीवनी है। इच्छुक युवाओं को योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए वह खुद पहल भी करते हैं।
गोरखपुर के निमित सिंह के स्वरोगजार की चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने पीएम मोदी के प्रति आभार जताया है। इस संबंध में एक ट्वीट कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में आज हनी (शहद) और बी वैक्स उत्पादन के क्षेत्र में गोरखपुर के निमित सिंह की लगनशीलता को सराहा है। श्री निमित के प्रयास असंख्य युवाओं को स्वरोजगार व रोजगार सृजन हेतु प्रेरित करेंगे। आभार प्रधानमंत्री जी!”