पंचायत चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के ठीक एक दिन बाद पंजाब पुलिस की विशेष शाखा अपराध जांच एजेंसी (सीआईए स्टाफ) ने बाइक सवार दो व्यक्तियों को चार .32 कैलिबर देशी पिस्तौल और छह जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है।
सीआईए अधिकारियों ने बताया कि संदिग्ध शीशपाल और भीम सैन (जिन्हें भीम गोदारा के नाम से भी जाना जाता है) अबोहर से लगभग 17 किलोमीटर दूर पंजकोसी गांव के निवासी थे।
रविवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक (डी) पीएस संधू ने बताया कि सीआईए-2 स्टाफ और अबोहर एंटी नारकोटिक सेल की टीम ने प्रभारी रूपिंदर पाल सिंह के नेतृत्व में शनिवार रात किल्लियांवाली बाईपास पर नाका लगाया हुआ था। उन्होंने बताया कि रात 9.15 बजे मोटरसाइकिल सवार दो व्यक्तियों को शक के आधार पर रोका गया। उन्होंने बताया कि संदिग्धों से पूछताछ की गई और जब अधिकारियों ने उनकी गाड़ी की तलाशी ली तो उनके पास से चार देसी .32 बोर पिस्तौल और छह जिंदा कारतूस बरामद हुए।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोनों संदिग्धों के खिलाफ शस्त्र अधिनियम की धारा 25, 54 और 59 के तहत सिटी-1 थाने में मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि उन्हें अदालत में पेश किया गया और दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि उनसे आगे पूछताछ की जाएगी ताकि पता लगाया जा सके कि उन्होंने हथियार कहां से और किससे मंगवाए थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि भीम सैन उर्फ भीम गोदारा पर इससे पहले 2016 में आईपीसी की धारा 304 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि उसके खिलाफ खुइयां सरवर थाने में मामला दर्ज किया गया था, जबकि उसके खिलाफ 4 जनवरी 2022 को इसी थाने में आईपीसी की धारा 392 के तहत एक और मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस अधीक्षक पीएस संधू ने कहा कि गोदारा के बारे में जांच करने पर पता चला कि उसके खिलाफ 2019 में राजस्थान के जैसलमेर के रामगढ़ में आईपीसी की धारा 397, 394, 302, 34, 212 और 120 बी और आर्म्स एक्ट के तहत एक और मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह अनुमान लगाया जा रहा है कि संदिग्ध किसी गिरोह से जुड़े हो सकते हैं।
मीडिया ब्रीफिंग में पुलिस उपाधीक्षक सुखविंदर बराड़ और सीआईए स्टाफ प्रभारी रूपिंदर पाल सिंह भी उपस्थित थे।
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