सरकारी शिक्षक संघ ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल के कम से कम 50 प्रतिशत पद, मुख्य शिक्षक के 46 प्रतिशत पद और ब्लॉक प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (बीपीईओ) के 33 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हैं।
शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस के गृह जिले रोपड़ में बीपीईओ के 10 में से 9 पद रिक्त थे।
इस कमी पर सवाल उठाते हुए राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह चहल ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेज रही है, जबकि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है।
रिपोर्ट का ब्यौरा देते हुए यूनियन के महासचिव गुरविंदर सिंह ससकोर ने बताया कि मानसा जिले में प्रिंसिपल के 82 पद, बरनाला में 77, कपूरथला में 73, फरीदकोट में 30 और तरनतारन में 55 पद रिक्त हैं।
इसी प्रकार, तरनतारन में मुख्य अध्यापक के 78 पद, नवांशहर में 32, कपूरथला में 39, बरनाला में 23 और लुधियाना में 83 पद रिक्त हैं। संघ ने मांग की कि ब्लॉकों में प्रधानाचार्यों, मुख्य अध्यापकों और ब्लॉक प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों की पदोन्नति तुरंत की जाए।
शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि कैबिनेट द्वारा स्वीकृत भर्ती नियमों में बदलाव के साथ, विभिन्न संवर्गों में लंबे समय से लंबित पदोन्नति का प्रस्ताव अगले कुछ दिनों में स्वतः ही लागू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे प्रधानाचार्यों, मुख्याध्यापकों और बीपीईओ की नियुक्ति को तर्कसंगत बनाने में मदद मिलेगी।
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