भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान ‘राफेल’ में उड़ान भरी। इसके साथ ही उन्होंने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। राष्ट्रपति 29 अक्टूबर बुधवार को हरियाणा के अंबाला स्थित वायुसेना स्टेशन पहुंची थीं।
यहां उन्होंने वायुसेना के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान ‘राफेल’ में सॉर्टी यानी उड़ान भरी। इस दौरान राष्ट्रपति ने फाइटर पायलट सूट व अन्य सभी आवश्यक उपकरण भी पहने। यह अवसर भारतीय वायुसेना के लिए गौरव का क्षण रहा। अंबाला भारतीय वायुसेना का एक प्रमुख एयरबेस है। यह एयरफोर्स स्टेशन राफेल लड़ाकू विमानों के स्क्वाड्रन की तैनाती का एक प्रमुख केंद्र भी है। यही कारण है कि इसे भारत की हवाई सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार माना जाता है।
यह पहला अवसर नहीं है जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारतीय वायुसेना के किसी फाइटर जेट में सवार हुई हों। राष्ट्रपति सचिवालय ने बताया कि इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। उस समय उन्होंने भारतीय वायुसेना के पायलटों के साथ अनुभव साझा करते हुए वायुसेना की दक्षता, अनुशासन और समर्पण की सराहना की थी।
रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान ‘राफेल’ में राष्ट्रपति की यह उड़ान भारतीय वायुसेना की आधुनिकता, क्षमता और आत्मनिर्भर भारत के रक्षा प्रयासों का प्रतीक है।
बुधवार को राष्ट्रपति मुर्मू के इस दौरे के समय वायुसेना प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस सॉर्टी के माध्यम से राष्ट्रपति ने भारतीय वायुसेना के पराक्रम, तकनीकी दक्षता और सैन्य शक्ति के योगदान को सैल्यूट किया।
गौरतलब है कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन भारत की राष्ट्रपति, भारत की तीनों सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर भी है। राफेल फाइटर जेट को भारतीय वायुसेना के लिए फ्रांस से खरीदा गया है। वायुसेना के बाद अब भारतीय नौसेना के लिए भी राफेल की खरीद की जा रही है। भारत और फ्रांस के बीच ‘राफेल मरीन’ लड़ाकू विमानों का सौदा तय हो चुका है। राफेल मरीन विमानों की खरीद के लिए यह सरकार-से-सरकार की डील है।
इस डील के तहत फ्रांस द्वारा भारतीय नौसेना को मरीन (एम) श्रेणी के 26 राफेल विमानों की आपूर्ति की जाएगी। तय सौदे के मुताबिक भारतीय नौसेना को फ्रांस द्वारा 26 राफेल मरीन फाइटर जेट की डिलीवरी दी जाएगी। इनमें से 22 फाइटर जेट सिंगल-सीटर होंगे। वहीं, नौसेना को चार ट्विन-सीटर वेरिएंट के ट्रेनिंग राफेल विमानों की डिलीवरी भी की जाएगी।
गौरतलब है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने नौसेना के लिए फ्रांस से 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी। सीसीएस से मिली इस मंजूरी के बाद यह डील हुई।

