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राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने सत्यपाल मलिक के निधन पर जताया दुख

President Murmu and Prime Minister Modi expressed grief over the death of Satyapal Malik

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शोक व्यक्त किया। सत्यपाल मलिक का मंगलवार को निधन हो गया। 79 वर्षीय सत्यपाल मलिक लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। उन्होंने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में आखिरी सांस ली।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”सत्यपाल मलिक के निधन का समाचार दुखद है। मैं उनके परिवारजनों और समर्थकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करती हूं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने सत्यपाल मलिक के निधन पर दुख जताते हुए एक्स पर लिखा, ”सत्यपाल मलिक के निधन से दुखी हूं। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति।”

सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर के अलावा बिहार, गोवा और मेघालय जैसे राज्यों में राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। 25 जुलाई 1946 को यूपी के बागपत जिले में एक जाट परिवार में सत्यपाल मलिक का जन्म हुआ। मेरठ से उन्होंने अपनी शिक्षा हासिल की। उन्होंने लोहिया की समाजवादी विचारधारा से प्रेरित होकर 1965-66 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा।

1974 में वह बागपत विधानसभा क्षेत्र से भारतीय क्रांति दल के टिकट पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए और विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक नियुक्त किए गए।

1980 में ‘लोकदल’ के सहारे उन्होंने संसद में कदम रखा। वह राज्यसभा सदस्य मनोनीत किए गए थे। हालांकि, 4 साल बाद ‘लोकदल’ छोड़कर उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। उन्हें 1986 में कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा और उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव की जिम्मेदारी दी। अगले ही साल, 1987 में ‘बोफोर्स घोटाले’ से खफा होकर उन्होंने राज्यसभा के साथ-साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और अपनी पार्टी ‘जन मोर्चा’ का गठन किया। हालांकि, 1988 में उन्होंने अपनी पार्टी का जनता दल में विलय कर लिया।

1989 में जनता दल के टिकट पर वह अलीगढ़ से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। फिर, 2004 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर बागपत लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। 2012 में भाजपा ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया। 2017 तक वह राजनीति से दूर हो गए और भाजपा ने उन्हें बिहार का राज्यपाल बनाया।

23 अगस्त 2018 को सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में शपथ ली। बाद में, वे गोवा चले गए और 18वें राज्यपाल बने। फिर, उन्हें मेघालय का राज्यपाल बनाया गया था।

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