वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पूर्वांचल के पहले क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह स्टेडियम न सिर्फ वाराणसी बल्कि पूर्वांचल के युवाओं के लिए वरदान जैसा होगा। खेल को लेकर समाज की सोच बदली है। आज जो खेलेगा, वही खिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि काशी में आज एक इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखी गई है। यह स्टेडियम न सिर्फ वाराणसी बल्कि पूर्वांचल के युवाओं के लिए वरदान जैसा होगा। इस स्टेडियम के पूरा होने पर 30,000 से ज्यादा लोग यहां बैठकर मैच देख पाएंगे। जबसे इस स्टेडियम की तस्वीरें बाहर आई है, उन्हें देखकर हर काशीवासी गदगद हो गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि देश में जो नया स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो रहा है, उसका लाभ बेटियों को मिलेगा। अब बेटियों को स्पोर्टस की ट्रेनिंग के लिए दूर नहीं जाना होगा। इसी के साथ जो नई एजुकेशन पॉलिसी बनाई गई है, उसमें भी स्पोर्ट्स को एक अहम स्थान दिया गया है। देश के सभी राज्यों में स्पोर्ट्स को बढ़ावा दिया जा रहा है। यूपी में खेलों को बढ़ावा देने के लिए हजारों करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।
उन्होंने कहा जब खेल के बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाता है, तो इसका न केवल युवा खेल प्रतिभाओं के पोषण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी यह अच्छा संकेत होता है।
पीएम मोदी ने कहा कि यह भारत का पहला बहुस्तरीय खेल परिसर है, जो दिव्यांगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। स्टेडियम से रोजगार के अवसर पैदा होंगे। सरकार ने देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाई। अब खेल को लेकर समाज की सोच बदली है।
वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के शिलान्यास समारोह में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इससे खेलों को लोकप्रिय बनाने और युवाओं के बीच खेल प्रतिभा को निखारने में मदद मिलेगी। आज मैं एक ऐसे दिन काशी आया हूं, जब चंद्रमा के शिव शक्ति बिंदु तक पहुंचने का भारत का एक महीना पूरा हो रहा है। शिव शक्ति यानी वो स्थान जहां 23 अगस्त को हमारा चंद्रयान लैंड हुआ था। एक शिव शक्ति का स्थान चंद्रमा पर है और दूसरा स्थान मेरी काशी में है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज क्रिकेट के जरिए दुनिया भारत से जुड़ रही है। नए-नए देश क्रिकेट खेलने के लिए आगे आ रहे हैं। जाहिर है कि आने वाले दिनों में क्रिकेट मैचों की संख्या बढ़ने वाली है। जब मैचों की संख्या बढ़ेगी तो नए स्टेडियमों की जरूरत भी पड़ेगी तब बनारस का ये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम इस डिमांड को पूरा करेगा। ये पूरे पूर्वांचल का चमकता हुआ सितारा बनने वाला है।