कन्नूर, 10 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार सुबह केरल के कन्नूर हवाई अड्डे पर उतरे और वहां से भूस्खलन से तबाह हुए वायनाड के लिए रवाना हो गए।
यह आपदा 30 जुलाई को आई थी, जिसमें 416 लोगों की मौत हो गई है और 150 से अधिक लोग लापता हैं।
उनके साथ केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी भी हैं, जो केरल से जीतने वाले एकमात्र भाजपा सांसद हैं।
मोदी का हवाई अड्डे पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केंद्र तथा राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने स्वागत किया।
इसके तुरंत बाद, प्रधानमंत्री मोदी अन्य लोगों के साथ हेलीकॉप्टर से वायनाड के लिए रवाना हुए। वो इस दौरान कलपेट्टा में भूस्खलन से तबाह हुए चार गांवों का हवाई निरीक्षण करेंगे।
वायनाड में मोदी अस्पतालों और कुछ राहत शिविरों में मरीजों से मिलेंगे, जहां भूस्खलन से प्रभावित 10,700 से अधिक लोग ठहरे हुए हैं।
इसके बाद मोदी एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में आरिफ मोहम्मद खान, विजयन और अन्य अधिकारी भाग लेंगे। फिर दोपहर करीब 3.30 बजे कन्नूर हवाई अड्डे लौटेंगे और फिर नई दिल्ली वापस आ जाएंगे।
पीएम मोदी के दौरे से पहले बचाव और राहत अभियान के लिए एनडीआरएफ, सेना, वायु सेना, नौसेना, अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा आदि के 1,200 से अधिक बचावकर्मियों को वायनाड में तैनात किया गया था।
चिकित्सा सहायता और उपचार के लिए डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों के साथ 100 से अधिक एम्बुलेंस तैनात की गई हैं।
भारतीय सेना ने वायनाड में 190 फुट लंबा बेली ब्रिज बनाया, जो भारी मशीनरी और एम्बुलेंस की आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण है। इस पुल का निर्माण मात्र 71 घंटों में पूरा कर लिया गया, जिससे भारी वाहनों और मशीनरी को बचाव कार्य में काफी मदद मिली और करीब 200 लोगों को बचाया जा सका।
इसके अलावा, केंद्र सरकार ने राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह दल पिछले दो दिनों से वायनाड में है और शनिवार को अपना दौरा पूरा करेगा।