December 29, 2025
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प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्य सचिवों की बैठक में भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर दिया जोर

Prime Minister Modi stressed on making India self-reliant in the meeting of Chief Secretaries.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राजधानी नई दिल्ली में मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन की पांचवीं बैठक की। इस कार्यक्रम का मकसद केंद्र और राज्यों को देश की राष्ट्रीय ग्रोथ के लिए अपनी प्राथमिकताओं को एक साथ लाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर सम्मेलन की तस्वीरें साझा कीं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिवों के सम्मेलन को संबोधित किया। इस वर्ष का विषय था ‘विकसित भारत के लिए मानव पूंजी’। उन्होंने कहा, “मैंने इस बात पर अपने विचार साझा किए कि हम सब मिलकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने, गरीबों को सशक्त बनाने और विकसित भारत के अपने सपने को साकार करने के लिए कैसे काम कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि राज्यों से विनिर्माण को प्रोत्साहित करने, व्यापार करने में सुगमता बढ़ाने और सेवा क्षेत्र को मजबूत करने का आह्वान किया गया। आइए, भारत को वैश्विक सेवा क्षेत्र का महाशक्ति बनाने का लक्ष्य रखें। भारत में विश्व का खाद्य भंडार बनने की क्षमता है। हमें उच्च मूल्य वाली कृषि, बागवानी, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन और मत्स्य पालन की ओर अग्रसर होना चाहिए। इसी तरह भारत एक प्रमुख खाद्य निर्यातक बन सकता है।

इस कार्यक्रम का मकसद केंद्र और राज्यों को देश की राष्ट्रीय ग्रोथ के लिए अपनी प्राथमिकताओं को एक साथ लाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने ‘ज्ञानवर्धक’ बातचीत की, जिसमें भारत के प्रशासनिक सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए सुधार और परफॉर्मेंस के महत्व पर जोर दिया गया। पीएम मोदी ने कहा, “दिल्ली में हो रहे मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान गवर्नेंस और सुधारों से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर ज्ञानवर्धक चर्चा हुई।”

इस साल का सम्मेलन ‘विकसित भारत के लिए मानव पूंजी’ थीम पर आधारित है और इसमें शुरुआती बचपन की शिक्षा, स्कूली शिक्षा, स्किलिंग, उच्च शिक्षा और एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटीज में विकास पर फोकस करने वाले फोरम शामिल हैं। इस सम्मेलन में राज्यों में डीरेगुलेशन, गवर्नेंस में टेक्नोलॉजी, और आत्मनिर्भर भारत के तहत प्रोजेक्ट्स पर भी चर्चा शामिल है।

यह कार्यक्रम नीति आयोग द्वारा केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों के साथ मिलकर आयोजित किया जा रहा है।इस कार्यक्रम का मकसद भारत की मानव पूंजी की क्षमता को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के लिए एक कॉमन रोडमैप को अंतिम रूप देना है।

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