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सुरक्षा, गरिमा और समानता के सिद्धांत वैश्विक दूरसंचार मानकों के केंद्र में होने चाहिए : पीएम नरेंद्र मोदी

Principles of security, dignity and equality should be at the center of global telecom standards: PM Narendra Modi

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा तकनीकी क्रांति में मानव को केंद्र में रखने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा, गरिमा और समानता के सिद्धांत वैश्विक दूरसंचार मानकों के केंद्र में होने चाहिए।

राष्ट्रीय राजधानी में इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (आईटीयू) की वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली (डब्ल्यूटीएसए) का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां तय किए गए मानक आने वाले समय में भविष्य निर्धारित करेंगे।

प्रधानमंत्री ने समावेशन के साथ संतुलित नवाचार की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य किसी भी देश, समाज और इलाकों को डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन में पीछे नहीं छोड़ना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि डिजिटल टेक्नोलॉजी के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क के महत्व को स्वीकार करने का समय आ गया है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारा भविष्य तकनीकी और नैतिक रूप से मजबूत हो।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024’ के आठवें संस्करण का उद्घाटन करते हुए कि डब्ल्यूटीएसए का उद्देश्य वैश्विक मानकों पर काम करना है। ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस’ की भूमिका सेवाओं से जुड़ी है और दोनों आयोजन वैश्विक मानकों और सेवाओं को एक मंच पर लाते हैं।

टेलीकॉम सेक्टर के सुधारों पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में इंटरनेट डेटा की लागत गिरकर 12 सेंट्स प्रति जीबी पर आ गई है, जो कि दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले 10 से 20 गुना सस्ता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि आज के समय में हर भारतीय औसत 30 जीबी डेटा की खपत करता है।

भारत में आज 120 करोड़ से ज्यादा मोबाइल फोन यूजर्स हैं। इसमें से 95 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं। दुनिया में होने वाले डिजिटल लेनदेन में भारत की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी के मुकाबले आठ गुना ऑप्टिकल फाइबर बिछाई है। भारत फ्यूचर रेडी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करके 6जी टेक्नोलॉजी में भी आगे बढ़ रहा है।

उद्घाटन सत्र में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासन और आईटीयू के महासचिव डोरेन बोगडान-मार्टिन भी उपस्थित थे।

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