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प्रियंक कानूनगो ने दिल्ली के मुख्य सचिव को लिखा पत्र, शेल्टर होम की स्थिति पर जताई चिंता

Priyank Kanungo wrote a letter to the Chief Secretary of Delhi, expressed concern over the situation of the shelter home.

नई दिल्ली, 2 जनवरी । राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुख्य सचिव के नाम गुरुवार को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने दिल्ली के शेल्टर होम के हालात को लेकर सवाल उठाए हैं।

प्रियंक कानूनगो ने पत्र में लिखा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 के तहत देश के सभी लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा करने का अधिकार दिया गया है। आयोग तब से मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन के लिए ठोस प्रयास कर रहा है, जिसमें इन अधिकारों की सुरक्षा के लिए लोगों को उपलब्ध सुरक्षा उपाय भी शामिल हैं।

उन्होंने आगे कहा, “मैं आपको यह पत्र इसलिए लिख रहा हूं, ताकि मैं 30 दिसंबर 2024 के अपने हालिया दौरे के दौरान दिल्ली के कई आश्रय गृहों में देखी गई भयावह और घटिया स्थितियों की ओर आपका तत्काल ध्यान आकर्षित कर सकूं। यह निरीक्षण रोशनारा रोड (सब्जी मंडी), मीना बाजार, जामा मस्जिद स्थित आश्रय गृहों में किया गया, जो समाज के कमजोर वर्गों, खासकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए महत्वपूर्ण हैं। दुर्भाग्य से इन आश्रय गृहों की स्थिति बेहद चिंताजनक है और इसमें तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत है।”

पत्र में बताया गया कि निरीक्षण के दौरान रोशनारा रोड स्थित आश्रय गृह में 3 बाथरूम और 4 शौचालय थे, जो वहां रहने वाले 40 लोगों के लिए अपर्याप्त थे। परिसर में हीटर की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इसके अलावा जामा मस्जिद स्थित आश्रय गृह में जल निकासी की पर्याप्त सुविधा नहीं थी, साथ ही खराब स्वच्छता भी देखने को मिली। इस दौरान महिलाओं ने बताया कि उन्हें शौचालय के बाहर खुले क्षेत्र में नहाना पड़ता है और कई बार बाहरी लोग चारदीवारी के ऊपर से झांकते भी हैं। साथ ही यहां बिस्तर की सुविधा भी नहीं थी और 25 निवासियों के लिए केवल 10 बिस्तर उपलब्ध थे।

उन्होंने कहा कि आश्रय गृह में सुरक्षा और स्वच्छता के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा हुई हैं। जो अनुच्छेद 21 के तहत उनके जीवन के अधिकार को प्रभावित करता है। इस संबंध में आयोग को सात दिनों के भीतर एक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है।

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