N1Live National कनाडा में भारतीय राजनयिक मिशनों के बाहर खालिस्तानी समर्थक विरोध-प्रदर्शन
National Punjab World

कनाडा में भारतीय राजनयिक मिशनों के बाहर खालिस्तानी समर्थक विरोध-प्रदर्शन

Pro-Khalistani protests outside Indian diplomatic missions in Canada

टोरंटो, 26 सितंबर । कट्टरपंथी सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोप के बाद कनाडा के वैंकूवर, ओटावा और टोरंटो शहरों में कई खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय राजनयिक मिशनों के बाहर विरोध-प्रदर्शन किये।

भारत में नामित आतंकवादी निज्जर को इस साल 18 जून को सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मार दी गई थी। कनाडा भर के खालिस्तानियों ने उसकी मौत के लिए भारतीय राजनयिकों को जिम्मेदार ठहराया था।

सीबीसी न्यूज आउटलेट की रिपोर्ट के अनुसार, वैंकूवर शहर में लगभग 75 लोग सोमवार को भारत के महावाणिज्य दूतावास के बाहर खालिस्तानी समर्थक नारे लगाते हुए एकत्र हुए, जहां गीली जमीन पर रखे गए एक बड़े तिरंगे झंडे पर खड़े होकर लोगों ने प्रदर्शन किया।

वैंकूवर पुलिस ने खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के आह्वान पर आयोजित प्रदर्शनन की आशंका में होवे स्ट्रीट के 300 ब्लॉक को बंद कर दिया था। भारी पुलिस बल उपस्थिति में प्रदर्शन हुआ।

एक सिख-कनाडाई पत्रकार मीरा बैंस ने एक्स पर विरोध-प्रदर्शन का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर को चप्पलों की माला पहनाई गई थी।

उन्होंने लिखा, “वैंकूवर में होवे स्ट्रीट पर भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने विरोध-प्रदर्शन चल रहा है। अब तक कुछ दर्जन लोग; लेकिन झंडे, संकेत, लाउड स्पीकर और कार्डबोर्ड पर पीएम मोदी की छवि के साथ बहुत संगठित हैं।”

एसएफजे के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नून, जिस पर 2019 में भारत द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया था, वैंकूवर में विरोध-प्रदर्शन के दौरान भी मौजूद था। उसने कहा कि वह यहां “आज दुनिया में हर भारतीय वाणिज्य दूतावास को बंद करने के लिए आया हैं क्योंकि भारतीयों का पर्दे के पीछे का चेहरा सामने आ गया है।”

एक सप्ताह पहले विरोध-प्रदर्शन की घोषणा करते हुए पन्नून ने कहा था कि वह उच्चायुक्त संजय वर्मा को निष्कासित करने की भी मांग करेगा।

पन्नून ने हाल ही में कनाडा में हिंदू और सिख समुदायों को विभाजित करने के उद्देश्य से एक वीडियो जारी किया था, जिसमें भारतीय मूल के सभी हिंदुओं को अपनी मातृभूमि में वापस जाने के लिए कहा गया था। भारत सरकार ने हाल ही में पंजाब में उसकी संपत्ति जब्त कर ली गई थी।

टोरंटो और ओटावा में, लगभग 70 लोगों ने भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन किया और भारत से निज्जर की हत्या की जांच में कनाडाई सरकार के साथ सहयोग करने का आह्वान किया।

ट्रूडो के इन आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया कि भारत में नामित आतंकवादी निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ था।

भारत ने आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें “बेतुका और प्रेरित” बताया।

जून में निज्जर की मौत के बाद, सिख कट्टरपंथियों ने पूरे कनाडा में पोस्टर युद्ध छेड़ दिया है और हत्या के लिए भारतीय राजनयिकों और उच्चायुक्त वर्मा को दोषी ठहराया है।

Exit mobile version