हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में सोमवार को 23वें बैच के परिवीक्षाधीन पुलिस उपाधीक्षकों (डीएसपी) की पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अकादमी के निदेशक डॉ. अर्शिंदर सिंह चावला मुख्य अतिथि थे।
कुल चार प्रोबेशनर डीएसपी ने अपना आधारभूत प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और ईमानदारी, निष्पक्षता और भारत के संविधान के प्रति निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की शपथ ली। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक पुष्पा ने प्रशिक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की। अपने संबोधन में चावला ने सक्षम और आत्मविश्वासी अधिकारियों को आकार देने में प्रशिक्षण की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “प्रशिक्षण हमारे आत्मविश्वास का निर्माण करता है। प्रशिक्षण के दौरान और बाद में क्षेत्र में जितना अधिक आपका परीक्षण किया जाएगा, आप उतने ही अधिक परिष्कृत और सक्षम बनेंगे – जो पुलिस पेशे में आपकी यात्रा को आसान बनाएगा।” उन्होंने कहा कि पुलिस की वर्दी समाज की सेवा करने के कई अवसर प्रदान करती है और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अधिकारी समर्पण के साथ उद्देश्य को पूरा करेंगे।
बैच की शैक्षिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए चावला ने कहा कि दो अधिकारी स्नातक और दो स्नातकोत्तर हैं। उनका बुनियादी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम 15 अप्रैल, 2024 से 26 अप्रैल तक चला, जिसमें साइबर सुरक्षा, उभरते आपराधिक कानून, स्थानीय और विशेष अधिनियम, व्यावहारिक प्रशिक्षण और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल सहित कई विषयों को शामिल किया गया।
इस अवसर पर बैच में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रोबेशनर डीएसपी अक्षय कुमार को डीजीपी स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया, जबकि दूसरे स्थान पर रहने वाले प्रोबेशनरी डीएसपी साहिल ढिल्लों को डीजीपी बैटन प्रदान किया गया। एसपी पुष्पा ने बताया कि अधिकारियों को साइबर अपराध जांच, मानवाधिकार संरक्षण और कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम, महिला सुरक्षा, स्मार्ट पुलिसिंग और महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशील व्यवहार जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया गया। पाठ्यक्रम में फील्ड ट्रेनिंग और नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण को बढ़ावा देना भी शामिल था।