अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय कुमार यादव ने मंगलवार को अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर दिव्यांगजन स्वयं सहायता समूहों के लिए आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए दिव्यांग बच्चों को सही समय पर उचित मार्गदर्शन प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर राज्य भर से दिव्यांग बच्चे, अभिभावक और शिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया गया था।
इसमें समानता, समावेशिता और विकास जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया। यादव ने कहा कि विशेष रूप से सक्षम बच्चों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए सभी वर्गों के सहयोग की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चे प्रतिभाशाली हैं और अगर उन्हें सही समय पर सही मार्गदर्शन मिले तो वे बड़ी से बड़ी बाधाओं को भी पार कर सकते हैं।
यादव ने कहा, “इतिहास गवाह है कि सही मार्गदर्शन और प्रोत्साहन मिलने पर इन बच्चों ने अद्भुत काम किए हैं। हाल ही में संपन्न पैरालंपिक खेल उनकी कड़ी मेहनत, इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प का उदाहरण हैं।”
उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को सहानुभूति की नहीं, बल्कि सहानुभूति की जरूरत है, ताकि वे समाज में सम्मान के साथ रह सकें। उन्होंने कहा कि वे समाज का अभिन्न अंग हैं और सभी को उनके उत्थान के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
इस दिशा में काम कर रहे शिक्षकों, गैर सरकारी संगठनों और अभिभावकों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि उनके सामूहिक प्रयासों से ऐसे लोग विभिन्न स्तरों पर लाभान्वित हो रहे हैं।
उन्होंने कार्यक्रम के उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि इसका उद्देश्य आम जनता को उनकी समस्याओं से अवगत कराना है। उन्होंने कहा, ‘‘जिला प्रशासन उनकी समस्याओं के समाधान के लिए गंभीर है और हर स्तर पर समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं।’’
सोलन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित रंजन तलवार ने बताया कि दिव्यांगों को त्वरित सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में प्रत्येक वीरवार को उनका दिव्यांगता प्रमाण पत्र निःशुल्क बनाया जाता है।
उन्होंने कहा, “इस तरह के चिकित्सा शिविर समय-समय पर जिले के अन्य हिस्सों में भी आयोजित किए जाते हैं ताकि लोगों को उनके घर के नजदीक सुविधाएं मिल सकें।”
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अधिवक्ता दीक्षा भारद्वाज ने दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों के बारे में जानकारी दी। इंडियन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एसोसिएशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष संजना गोयल ने कहा कि दिव्यांग होने का मतलब यह नहीं है कि कोई किसी से कमजोर है।
एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव विपुल गोयल ने कहा कि विकलांगता कोई अभिशाप नहीं है, उचित परामर्श और मार्गदर्शन से विकलांग व्यक्ति समाज में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सही समय पर सही मार्गदर्शन के साथ उठाया गया कदम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होता है।
जिला कल्याण अधिकारी गवा सिंह नेगी ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए क्रियान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान की। ग्रामीण विकास विभाग की उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी कल्याणी गुप्ता ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी।
सोलन खंड विकास अधिकारी रमेश शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अनेक स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधियों ने भी अपने अनुभव साझा किए। दिव्यांग बच्चों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी सभी को बहुत पसंद आई।
इस अवसर पर दिव्यांगजनों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
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