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निजी स्कूलों का राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

Protest of private schools against the state government

अंबाला, 31 जुलाई विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन फेडरेशन ने अपनी लंबित मांगों को पूरा करवाने के लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

स्कूल संचालकों ने प्रतिज्ञा राशि, संपत्ति कर, स्कूल बसों पर यात्री कर, मान्यता, फीस विनियमन और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को पढ़ाने के लिए बकाया राशि की प्रतिपूर्ति से संबंधित मुद्दों पर राहत की मांग की है। उन्होंने धमकी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे विधानसभा चुनाव में सरकार का विरोध करेंगे।

महासंघ ने सरकार को 24 सूत्री मांगपत्र सौंपा है तथा 10 अगस्त को अंबाला में राज्य स्तरीय रैली आयोजित करने की तैयारी कर रहा है, जहां वह भविष्य की रणनीति की घोषणा करेगा।

एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा, “भाजपा ने निजी स्कूलों को लंबे समय से लंबित मुद्दों को हल करने का आश्वासन दिया था, जिसके बाद निजी स्कूलों ने चुनावों में पार्टी का समर्थन किया था, लेकिन 10 साल बाद भी कई प्रमुख मुद्दे अनसुलझे हैं।”

उन्होंने कहा कि हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमावली के नियम 134-ए के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए प्रतिपूर्ति एक बड़ा मुद्दा रहा है। बकाया भुगतान के कारण निजी स्कूल और सरकार आमने-सामने हैं। नियम तो हटा दिया गया, लेकिन बकाया अभी भी बकाया है। स्कूलों को बारहवीं कक्षा तक विद्यार्थियों को पढ़ाना जारी रखना पड़ा, लेकिन नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को प्रतिपूर्ति नहीं मिली। प्रति विद्यार्थी 20 रुपये प्रतिमाह यात्री कर है, जो अनुचित है। विद्यार्थियों को लाने-ले जाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बसों पर कोई कर नहीं लगना चाहिए। इसी तरह, प्रतिज्ञा राशि सीबीएसई की तर्ज पर होनी चाहिए और स्कूलों व प्ले-वे स्कूलों की मान्यता के नियमों को सरल बनाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘स्कूल बस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर प्रबंधन और प्रिंसिपल के खिलाफ भी कार्रवाई की जाती है, लेकिन हरियाणा रोडवेज की बस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर डिपो के महाप्रबंधक या परिवहन विभाग के किसी अन्य अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती।’’

उन्होंने कहा, “अगर 9 अगस्त तक हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं तो हम 10 अगस्त को अंबाला में राज्य स्तरीय रैली करेंगे। हम राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा का विरोध करने के लिए मजबूर होंगे।”

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