तिब्बती युवा कांग्रेस (टीवाईसी) के सदस्यों ने आज तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह दिवस की 66वीं वर्षगांठ के अवसर पर नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया। जब प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लेकर दूतावास के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे, तो उनमें से कुछ ने परिसर में घुसने की कोशिश की, लेकिन वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तुरंत रोक दिया।
सुरक्षाकर्मियों ने महिलाओं समेत प्रदर्शनकारियों को काबू में कर लिया और उन्हें बस में भर लिया। दिल्ली पुलिस ने करीब 24 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
टीवाईसी महासचिव सोनम त्सेरिंग ने कहा कि यह दिन तिब्बती इतिहास में एक दर्दनाक और दुखद अध्याय है, जिसे वे कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने कहा, “यह चीनी कम्युनिस्ट सरकार के तिब्बत पर अवैध और हिंसक आक्रमण की 66वीं वर्षगांठ है। तब से, तिब्बती सरकार और उसके लोगों ने बीजिंग के शासन में दशकों तक व्यवस्थित उत्पीड़न, आतंक और दमन सहा है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि तिब्बत की विशिष्ट सांस्कृतिक और भाषाई पहचान को मिटाने के चीन के प्रयास बढ़ गए हैं, तथा चीनी सरकार जानबूझकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त शब्द ‘तिब्बत’ को चीनी शब्द ‘शीजांग’ से बदलने का प्रयास कर रही है।
त्सेरिंग ने कहा, “हाल के वर्षों में तिब्बत में मानवाधिकारों की स्थिति काफी खराब हो गई है और मौलिक अधिकारों पर गंभीर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।”
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