श्रीलंका की जेल से रिहा हुए मछुआरों ने शुक्रवार को पुडुचेरी के उपराज्यपाल कैलाश नाथन से उनके घर पर मुलाकात की। उन्होंने उप-राज्यपाल को फूलों की माला पहनाकर मदद के लिए शुक्रिया कहा।
श्रीलंका की नौसेना ने कराईकल के 13 मछुआरों को पकड़कर जेल में डाल दिया था। इस दौरान एक मछुआरे के पैर में गोली भी लग गई थी और वह घायल हो गया था। उपराज्यपाल ने उनकी रिहाई और घायल के इलाज के लिए भारत सरकार और श्रीलंका में भारतीय दूतावास से बात की थी। केंद्र सरकार ने तेजी से कदम उठाए, जिससे सभी मछुआरे छूट गए।
चेन्नई पहुंचने के बाद घायल मछुआरे को एक अच्छे निजी अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया। बाकी मछुआरों को उनके घर भेज दिया गया।
मछुआरों ने बताया कि उपराज्यपाल उनके लिए परिवार जैसे हैं, क्योंकि वे हमेशा मछुआरों की भलाई के लिए सोचते हैं। उन्होंने विधानसभा में अपने पहले भाषण में मछुआरों के लिए कई योजनाओं की बात की थी।
इस मुलाकात के दौरान उपराज्यपाल ने मछुआरों का हाल जाना और कहा कि सीमा पार मछली पकड़ने की समस्या को हमेशा के लिए हल करना जरूरी है। उन्होंने कहा इसे ध्यान में रखकर वे कराईकल के मछुआरों को अंडमान और लक्षद्वीप में समुद्र के अंदर मछली पकड़ने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं। पिछले हफ्ते दिल्ली में उन्होंने मत्स्य पालन मंत्री से इस पर बात की। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इसकी योजना बना रही हैं।
उपराज्यपाल ने यह भी बताया कि कराईकल के लिए कई विकास योजनाएं चल रही हैं। केंद्र सरकार ने 130 करोड़ रुपये दिए हैं, ताकि कराईकल में एक नया और बेहतर मछली पकड़ने का बंदरगाह बन सके।
बता दें कि 20 मार्च को कराईकल क्षेत्र के 13 मछुआरे श्रीलंका की जेल से रिहा होकर चेन्नई एयरपोर्ट पहुंचे थे। उनमें से एक को पैर में चोट लगी थी, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कराईकल फिशिंग बंदरगाह से 13 मछुआरे 26 फरवरी को कोडियाकराई के पास समुद्र में मछली पकड़ने के लिए एक ओरी नाव में गए थे। उस समय समुद्र में बहाव के कारण मछली पकड़ने वाला जाल सीमा पार कर 300 मीटर से अधिक दूर चला गया।
इस दौरान गश्त पर आई श्रीलंका की नौसेना ने उन्हें घेर लिया। नौसेना ने फायरिंग की और मछुआरों को पकड़ लिया। फायरिंग में एक मछुआरे के पैर में गंभीर चोट लगी और दो अन्य को मामूली चोटें आई थीं। इसके बाद सभी मछुआरों को जाफना जेल भेज दिया गया था।