पुडुचेरी में मतदाता सूची को दुरुस्त और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने मंगलवार को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी कर दी। निर्वाचन आयोग ने बताया कि ड्राफ्ट मतदाता सूची बूथ वार जारी की गई है। इसकी छपी हुई प्रतियां सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अलावा, डिजिटल कॉपी मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) की आधिकारिक वेबसाइट पर भी डाली गई है ताकि आम लोग आसानी से अपने नाम की जांच कर सकें।
सार्वजनिक सत्यापन को और मजबूत बनाने के लिए उन मतदाताओं की सूची भी प्रदर्शित की गई है जिन्हें मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित, पता बदले हुए या दोहरी प्रविष्टि वाला पाया गया है और जिनके नाम ड्राफ्ट सूची में शामिल नहीं हैं। ये सूचियां पंचायत भवनों, शहरी स्थानीय निकाय कार्यालयों और ब्लॉक विकास कार्यालयों में लगाई गई हैं।
ईसीआई ने बताया कि ड्राफ्ट सूची पर दावे और आपत्तियां दर्ज कराने की अवधि 16 दिसंबर से 15 जनवरी तक तय की गई है। इस दौरान मतदाता और राजनीतिक दल योग्य मतदाताओं का नाम जोड़ने या अयोग्य नामों को हटाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस प्रक्रिया की जांच के लिए 30 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) और 30 सहायक ईआरओ (एईआरओ) तैनात किए गए हैं, जबकि जरूरत के अनुसार अतिरिक्त एईआरओ भी नियुक्त किए जा रहे हैं।
विशेष गहन पुनरीक्षण में पुडुचेरी के मतदाताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कुल 10,21,578 मतदाताओं में से 9,18,111 से अधिक लोगों ने एन्यूमरेशन फॉर्म जमा किए। कुछ मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची में शामिल नहीं हो पाए। इसके पीछे कारण बताया गया कि कुछ लोग अन्य राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में पहले से पंजीकृत पाए गए, कुछ का पता नहीं चल सका, कुछ ने 11 दिसंबर की समय-सीमा तक फॉर्म जमा नहीं किया, या फिर उन्होंने पंजीकरण कराने की इच्छा नहीं जताई।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि वास्तविक और योग्य मतदाताओं को दावे-आपत्तियों की अवधि के दौरान जोड़ा जा सकता है। जिन मतदाताओं के नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज पाए जाएंगे, उनका नाम केवल एक ही स्थान पर रखा जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए, बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) ने घर-घर जाकर कई बार संपर्क किया। साथ ही ईआरओ ने राजनीतिक दलों के साथ बैठकें कर असंग्रहणीय फॉर्म की अस्थायी सूची साझा की ताकि बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) फील्ड में सत्यापन कर सकें।
इस प्रक्रिया में राजनीतिक भागीदारी भी बढ़ी है। बीएलए की संख्या, जो एसआईआर की शुरुआत में 888 थी, बढ़कर 2,729 हो गई। नवंबर के अंत में सभी मतदान केंद्रों पर विशेष नामांकन शिविर भी लगाए गए। मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मतदान केंद्रों का पुनर्गठन किया गया है। केंद्रों की संख्या 962 से बढ़ाकर 1,099 कर दी गई है और प्रति केंद्र मतदाताओं की सीमा 1,200 तय की गई है, ताकि भीड़ कम हो और मतदान प्रक्रिया सुगम बने।
निर्वाचन आयोग ने दोहराया कि बिना उचित प्रक्रिया, नोटिस और कारणयुक्त आदेश के किसी भी नाम को नहीं हटाया जाएगा। सभी दावे और आपत्तियों के निपटारे के बाद अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरीको प्रकाशित की जाएगी।

