August 16, 2025
Chandigarh

पंजाब में राज्यव्यापी नशा विरोधी अभियान के तहत एनडीपीएस मामलों में 89 प्रतिशत सजा दर हासिल की गई: डीजीपी गौरव यादव

चंडीगढ़, 28 अप्रैल, 2025: पंजाब पुलिस द्वारा चलाए जा रहे राज्यव्यापी अभियान ‘युद्ध नाशियां विरुद्ध’ के दौरान नशा तस्करी नेटवर्क को अभूतपूर्व कानूनी झटका देते हुए, 1 मार्च, 2025 तक एनडीपीएस अधिनियम के मामलों में 89 प्रतिशत सजा दर हासिल करके पंजाब पुलिस ने कानूनी मोर्चे पर महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है, जो देश में सबसे अधिक है, यह जानकारी सोमवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी।

जानकारी के अनुसार, 1 मार्च 2025 से राज्य भर में एनडीपीएस एक्ट के कुल 836 मामलों का फैसला किया गया, जिनमें से 744 मामलों में सजा हुई।

डीजीपी ने यहां पंजाब पुलिस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इन मामलों में, 144 ड्रग किंगपिनों को 10 साल या उससे अधिक के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई, जो ड्रग तस्करी के मामलों में कानून प्रवर्तन और न्यायिक प्रक्रियाओं की गंभीरता को दर्शाता है।’’

उनके साथ विशेष डीजीपी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) कुलदीप सिंह, एडीजीपी एएनटीएफ नीलाभ किशोर और आईजीपी मुख्यालय डॉ. सुखचैन सिंह गिल भी थे।

डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने 31 मई तक सड़कों पर नशे की उपलब्धता को शून्य करने की समय सीमा तय की है, सभी सीपी/एसएसपी को पेशेवर पुलिसिंग सुनिश्चित करके अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में “मिशन नशा मुक्त पंजाब” का व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व करने का निर्देश दिया गया है।

गौरतलब है कि डीजीपी ने मंगलवार को सभी पुलिस कमिश्नरों/एसएसपी की समीक्षा बैठक बुलाई है, जिसमें जिला प्रमुख 31 मई तक अपने-अपने जिलों से नशे को खत्म करने की अपनी योजना पेश करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘सीपी/एसएसपी को लक्ष्य हासिल करने के लिए सभी जरूरी कदमों की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने तथा एक लक्ष्य तिथि तय करने के निर्देश दिए गए हैं, जो 31 मई, 2025 से बाद की नहीं होनी चाहिए – जिसके बाद उनके क्षेत्र पूरी तरह से नशा मुक्त हो जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि 31 मई के बाद वास्तविक जमीनी हकीकत की पुष्टि के लिए खुफिया स्रोतों और अन्य साधनों का उपयोग करके एक कठोर क्षेत्रीय आकलन किया जाएगा।

डीजीपी ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘अच्छे काम के लिए इनाम दिया जाएगा, जबकि जो अधिकारी झूठे दावे करेंगे या यदि उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं पाया जाएगा, तो उनकी जवाबदेही और जिम्मेदारी तय की जाएगी।’’ उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस का ध्यान आंकड़ों पर आधारित लक्ष्य पर नहीं, बल्कि राज्य भर में नशीले पदार्थों की आपूर्ति श्रृंखला को पूरी तरह से तोड़ने पर है।

उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नरों/एसएसपी को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे एनडीपीएस अधिनियम के तहत दर्ज किए जा रहे मामलों के अग्रिम और पश्चवर्ती संबंधों का पता लगाएं तथा पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करके मामलों को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाएं।

राज्य से नशों की समस्या को समाप्त करने के लिए अधिकतम नागरिक भागीदारी की आवश्यकता पर बल देते हुए डीजीपी गौरव यादव ने राज्य के लोगों से नशा तस्करों की गुमनाम रूप से रिपोर्ट करने के लिए सुरक्षित पंजाब एंटी-ड्रग हेल्पलाइन ‘9779100200’ का अधिकतम उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन पर प्राप्त प्रत्येक सूचना की दैनिक आधार पर निगरानी की जा रही है और मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि पंजाब पुलिस ने सुरक्षित पंजाब ड्रग हेल्पलाइन पर जनता से प्राप्त जानकारी के आधार पर 503 एफआईआर दर्ज की हैं और 659 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।

डीजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस ने मादक पदार्थ तस्करी की वित्तीय रीढ़ तोड़ने के लिए तीन-आयामी रणनीति बनाई है – हवाला नेटवर्क को ध्वस्त करना, संपत्तियों को फ्रीज करना और अवैध निर्माणों को ध्वस्त करना।

ड्रग तस्करों के आर्थिक ढांचे को बड़ा झटका देते हुए पुलिस ने 31 हवाला संचालकों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से 8.03 करोड़ रुपये की ड्रग मनी जब्त की है, जबकि, सख्त 68-एफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत, राज्य ने 81 तस्करों की 32.95 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर ली हैं, जिससे उनके धन शोधन या अपराध में फिर से निवेश करने की क्षमता पर असर पड़ा है। इसके अतिरिक्त, स्थानीय अधिकारियों द्वारा कानून के अनुसार ड्रग तस्करों की 72 अवैध रूप से निर्मित संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया गया है।

डीजीपी ने कहा कि नशों के खिलाफ यह लड़ाई केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार नशों का सेवन करने वालों के साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार कर रही है और कम मात्रा में नशों के साथ पकड़े गए 689 व्यक्तियों को एनडीपीएस एक्ट की धारा 64-ए के तहत प्रावधान का प्रयोग करते हुए जेल की बजाय इलाज के लिए नशा मुक्ति केंद्रों में भेजा गया है।

59 दिन पूरे कर चुके ‘युद्ध नाशियां विरुद्ध’ के नतीजों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस टीमों ने 1 मार्च, 2025 से एनडीपीएस अधिनियम के तहत 4659 एफआईआर दर्ज करने के बाद 1877 बड़ी मछलियों सहित 7414 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से 297 किलोग्राम हेरोइन, 100 क्विंटल पोस्त की भूसी, 153 किलोग्राम अफीम, 95 किलोग्राम गांजा, 21.77 लाख गोलियां/कैप्सूल/गोलियां और 8.03 करोड़ रुपये की ड्रग मनी बरामद की है। उन्होंने कहा कि इन कुल गिरफ्तारियों में से, कम से कम 908 बार-बार लक्षित और प्रभावी CASO अभियानों के दौरान 755 पहचाने गए ड्रग हॉटस्पॉट से 1774 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया।

डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस ने पुलिस के खिलाफ बल प्रयोग के प्रति जीरो टॉलरेंस अपनाया है, इसलिए 1 मार्च, 2025 से अब तक आत्मरक्षा में पुलिस टीमों द्वारा की गई जवाबी गोलीबारी में 62 ड्रग तस्कर/गैंगस्टर घायल हुए हैं।

 पाइपलाइन में महत्वाकांक्षी परियोजनाएं- ड्रोन रोधी प्रौद्योगिकी और विशिष्ट एनडीपीएस अदालतें

डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि भारत-पाक सीमा पर ड्रोन रोधी प्रणाली का परीक्षण किया जा चुका है और पंजाब सरकार इस वर्ष सितम्बर या अक्तूबर तक नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी करने वाले ड्रोनों को रोकने के लिए यह आधुनिक प्रणाली स्थापित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

उन्होंने कहा कि 22.8 करोड़ रुपये के वार्षिक व्यय से 30 विशेष एनडीपीएस अधिनियम न्यायालय स्थापित करने का प्रस्ताव भी राज्य सरकार के पास सक्रियता से विचाराधीन है।

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