चंडीगढ़ स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने चंडीगढ़ में ग्रेनेड हमला मामले में पूछताछ के लिए अभिजोत सिंह उर्फ बब्बी को दो दिन की रिमांड पर देने के एनआईए के आवेदन को स्वीकार कर लिया है।
अभिजोत सिंह पंजाब में पुलिस स्टेशनों पर ग्रेनेड हमलों के आरोपियों में से एक है।पंजाब पुलिस ने अभिजोत को गुरदासपुर जेल से लाकर आज चंडीगढ़ एनआईए कोर्ट में पेश किया। एनआईए ने कोर्ट में दाखिल अर्जी में दावा किया कि सह-आरोपी रोहन मसीह के खुलासे में इस आरोपी का नाम सामने आया है।
एनआईए ने दावा किया कि वास्तव में वह वह व्यक्ति था जिसने सह-आरोपी रोहन मसीह को 17 और 18 अगस्त, 2024 को चंडीगढ़ लाया था और चंडीगढ़ के सेक्टर 10-डी स्थित मकान नंबर 575 की रेकी के लिए फर्जी नंबर प्लेट वाली बाइक का प्रबंध किया था।
इसके अलावा, इस मामले में साजिश को अंजाम देने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
इसलिए, पूरी साजिश का पर्दाफाश करने तथा मोटरसाइकिल की चाबियां बरामद करने के साथ-साथ हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद करने के लिए विस्तृत और गहन जांच की आवश्यकता है, जो संभवतः उसकी विशेष जानकारी में हो।
एनआईए चंडीगढ़ सेक्टर 10 में हुए ग्रेनेड हमले की जांच कर रही है।
एनआईए ने चंडीगढ़ ग्रेनेड हमला मामले में पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया है, जिसके अनुसार अमेरिका स्थित गैंगस्टर से आतंकवादी बने हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा ने रोहन मसीह और विशाल मसीह के माध्यम से चंडीगढ़ में हमले की योजना बनाई थी।
एनआईए ने दावा किया कि रोहन मसीह और विशाल ने कथित तौर पर पासिया और रिंदा के कहने पर चंडीगढ़ के सेक्टर 10 स्थित घर पर हथगोला फेंका था।
दोनों आरोपियों ने 9 सितंबर 2024 को ऑटो रिक्शा में बैठकर ग्रेनेड फेंका था।
एनआईए ने आरोपियों के मोबाइल डेटा को सेंट्रल फोरेंसिक एंड साइंस लैब (सीएफएसएल) को भेजा था, जिसकी जांच रिपोर्ट से पता चला कि इन आरोपियों के पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों से संबंध थे।
चंडीगढ़ हमले के मामले की जांच शुरू में चंडीगढ़ पुलिस ने की थी। इसके बाद मामला एनआईए को सौंप दिया गया। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों को 9 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।